'ऑनलाइन नहीं हटता किसी का नाम', राहुल के आरोपों पर ECI का जवाब
देश
शिव पांडेय• DELHI 18 Sept 2025, (अपडेटेड 18 Sept 2025, 2:26 PM IST)
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। आयोग का कहना है कि ऑनलाइन किसी का भी नाम हटाया नहीं जा सकता है इसलिए राहुल गांधी का आरोप गलत है।

राहुल गांधी । Photo Credit: PTI
चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों को 'गलत और बेबुनियाद' बताते हुए खारिज कर दिया। आयोग ने साफ किया कि मतदाता सूची से वोट को ऑनलाइन हटाना संभव नहीं है। आयोग ने अपने बयान में कहा, 'राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और बिना आधार के हैं। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन तरीके से मतदाता सूची से वोट नहीं हटा सकता, जैसा कि राहुल गांधी ने गलतफहमी में कहा।'
आयोग ने अपने बयान में कहा, 'राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन तरीके से मतदाता सूची से नाम नहीं हटा सकता, जैसा कि राहुल गांधी ने कहा।' ईसीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए, मतदाता सूची से नाम नहीं हटाया जा सकता। कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में कथित तौर पर मतदाता सूची में हटाए गए नामों के विवाद पर आयोग ने कहा कि इस मामले को पिछले साल खुद ही आयोग ने ही उजागर किया था।
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चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता सूची में किसी भी तरह की हेरफेर की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से और नियमों के तहत होती है। आयोग ने यह भी कहा कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
Election Commission of India tweets, "Allegations made by Lok Sabha LoP Rahul Gandhi are incorrect and baseless. No Deletion of any vote can be done online by any member of the public, as misconceived by Rahul Gandhi. No deletion can take place without giving an opportunity of… pic.twitter.com/9fUEX5HXXN
— ANI (@ANI) September 18, 2025
आयोग ने बताया, '2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने की कुछ असफल कोशिशें की गई थीं। इस मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर ही प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी और जांच शुरू की गई थी।'
आयोग ने बताया कि 'रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 में यह सीट बीजेपी के सुभाध गुट्टेदार ने जीती थी, जबकि 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल ने जीत हासिल की थी।' इस बारे में आयोग ने एक फैक्ट चेक भी जारी की।
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अनुराग ठाकुर ने भी दिया जवाब
अनुराग ठाकुर ने इस मामले में कहा, 'अगर निष्पक्षता के साथ चुनाव आयोग काम कर रहा है तो राहुल गांधी जी का प्रयास है कि लोकतंत्र पर प्रहार किया जाए, लोकतंत्र को कमजोर किया जाए, जनता को गुमराह किया जाए और जिस तरह की स्थिति बांग्लादेश और नेपाल स्थिति बनी है वैसी ही स्थिति देश में झूठ बोल-बोल के पैदा कर दी जाए।'
आगे उन्होंने कहा, 'गलत और निराधार आरोप लगाने की राहुल गांधी की आदत बन गई है। जब इन्हीं के द्वारा लगाए गए आरोपों को ऑथेंटिकेट करने की बात कही जाती है तो पीठ दिखाकर भाग जाते हैं, शपथ पत्र देने के लिए कहा जाता है तो मुकर जाते हैं। गलत और निराधार आरोप लगाना राहुल गांधी जी की आदत बन गई है।'
Delhi: On Lok Sabha LoP Rahul Gandhi's press conference, BJP MP Anurag Thakur says, "When asked to authenticate the allegations he himself make, he runs away by playing the victim card. When asked to submit an affidavit, he backs out. Making false and baseless allegations has… pic.twitter.com/JdFmBLLIdb
— IANS (@ians_india) September 18, 2025
क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर 'वोट चोरों' को बचाने और लोकतंत्र को नष्ट करने वालों की मदद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि कांग्रेस समर्थकों के वोट को व्यवस्थित तरीके से हटाया जा रहा है।
गांधी ने 2023 में आलंद में वोट हटाने की कोशिशों का जिक्र किया। उन्होंने महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र का भी उदाहरण दिया, जहां उन्होंने दावा किया कि ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके फर्जी तरीके से मतदाता जोड़े गए।
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उन्होंने कहा कि 6,018 आवेदन फर्जी तरीके से मतदाताओं के नाम पर भरे गए और ये आवेदन कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों से किए गए। गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ऐसे मतदाता को भी मंच पर बुलाया, जिसका वोट हटाने की कोशिश की गई थी, और उस व्यक्ति को भी, जिसके नाम का दुरुपयोग करके यह काम किया गया।
राहुल गांधी ने दावा किया कि ये हटाने की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के जरिए की जा रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि वह इस मामले को रोके और कर्नाटक सीआईडी द्वारा मांगी गई जानकारी को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराए।
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