किसानों को सरकार से बातचीत का इंतजार, फिर करेंगे दिल्ली कूच
शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया है लेकिन उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की और शेड पर चढ़ गए।

शंभू बॉर्डर पर किसान । पीटीआई
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने दिन में दिल्ली की ओर जाने से रोक दिया था। शंभू बॉर्डर पर डटे किसान बीते 11 महीनों से आंदोलन कर रहे थे। शुक्रवार को करीब 101 किसानों का जत्था दिल्ली की तरफ मार्च करने के लिए रवाना हुआ लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली की तरफ जान नहीं दिया। पुलिस का कहना है कि दिल्ली जाने के लिए इनके पास अनुमति नहीं है। शंभू बॉर्डर के अलावा जींद के खनौरी और सोनीपत के सिंधु बॉर्डर के पास भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था। बॉर्डर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है और सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "...सरकार से बातचीत के लिए हम कल तक इंतजार करेंगे, नहीं तो 101 किसानों का जत्था 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा...मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री उपराष्ट्रपति की बात भी नहीं सुन रहे हैं। अगर बातचीत का दौर शुरू होता तो इस आंदोलन का सुखद समाधान निकल सकता था...सरकार बातचीत के लिए तैयार नहीं है...हमारे लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष एक जैसे हैं, सब राजनीति करते हैं..."
#WATCH | At the Shambhu border, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "...We will wait till tomorrow for talks with the government, otherwise, a 'Jattha' of 101 farmers will march towards Delhi on 8 December at 12 noon... I think the Prime Minister is not even listening to the… pic.twitter.com/yrPRS95I4p
— ANI (@ANI) December 6, 2024
खनौरी के पास जमा हुए 10 हजार किसान
शंभू-खनौरी बॉर्डर के पास करीब 10 हजार किसान जमा हो गए हैं जिन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों की करीब 29 कंपनियां तैनात की हैं। बता दें कि किसान नेता सरवन सिंह ने गुरुवार को कहा था कि किसानों का एक जत्था शंभू बॉर्डर के पास से दिल्ली के लिए रवाना होगा। किसान फरवरी से ही पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर के बीच डेरा डाले हुए हैं।
पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है जिसमें जिले में पांच या अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगी हुई है।
#WATCH | Farmers protesting over various demands have been stopped at the Shambhu border from heading towards Delhi
— ANI (@ANI) December 6, 2024
Heavy police presence at the Shambhu border pic.twitter.com/G4CNr6locb
आंगू गैस के छोड़े गए गोले
किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। यही नहीं किसानों ने लगाए गए कंटीले तारों को भी उखाड़ फेंका। इस घटना में खबर के मुताबिक 3-4 लोग घायल हो गए हैं। एक किसान बैरकेडिंग पर बने शेड पर चढ़ गया था। हालांकि, पुलिस ने उसे नीचे उतारा है और चेतावनी दी। कुछ किसान लोहे के जंगले पर भी चढ़ गए थे। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
एक किसान घायल
खबरों के मुताबिक शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते एक किसान घायल हो गया है। किसान घग्घर पुल से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। आंसू गैसे के गोले दागने की वजह से किसानों को पीछे हटना पड़ा। हालांकि किसानों ने बैरिकेडिंग की कुछ लेयर को उखाड़ फेंका।
अबाला से भी किसानों को वापस भेजा
करीब 9 किसानों का जत्था पंजाबी के शंभू बॉर्डर पहुंचने के बजाय अंबाला पहुंच गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और वापस भेज दिया। हालांकि, किसानों का कहना है कि वे शंभू बॉर्डर ही जा रहे थे लेकिन वे गलती से यहां आ गए थे।
बंद हैं इंटरनेट सेवाएं
सुरक्षा के मद्देनज़र शुंभु बॉर्डर के आसपास के एरिया में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हरियाणा सरकार ने शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है।
जत्था बुलाया वापस
शंभू बैरियर पर पर स्टेज से जत्था वापस बुला लिया गया है। करीब ढाई घंटे तक किसानों और जवानों के बीच तनातनी रही। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ी, जवानों के बीच तनाव रही। पुलिस ने किसानों को नियंत्रण में लेने के लिए आंसू गैसे के गोलों के साथ मिर्ची का स्प्रे भी छोड़ा।
क्या हैं किसानों की मांगें?
- किसान अपने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी चाहते हैं।
- किसानों की मांग है कि कर्जमाफी की जाए।
- जो किसान खेतिहर मजदूर हैं, उनके लिए सरकार पेंशन की व्यवस्था करे।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम को बहाल किया जाए।
- सरकार बिजली के दरों में हुई बढ़ोतरी को कम करे।
- 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले।
- 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
विरोध प्रदर्शन की वजह से लंबा जाम लग गया है और लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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