logo

ट्रेंडिंग:

किसान आंदोलन में अबतक क्या हुआ? जानिए सबकुछ

किसानों को लेकर शीर्ष कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।

farmers protest

किसान आंदोलन। Source- PTI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

पंजाब और हरियाणा के किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच के लिए तैयारी कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली के बाहर ही रोक दिया। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए रविवार को शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे थे, जिसमें कम से कम 8 किसान घायल हो गए हैं। सभी किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हैं फिलहाल उन्होंने अपना दिल्ली मार्च स्थगित कर दिया है, जिसके बाद अब प्रदर्शनकारी किसान आज यानी सोमवार को अपना आगे का प्लान बनाएंगे।

वहीं, किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने कहा है किकेंद्र सरकार को आगे आकर किसानों से बात करनी चाहिए।

 

इस बीच शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सोमवार को किसानों के इस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में शंभू बॉर्डर सहित सभी हाईवे को खोलने के निर्देश केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को देने की मांग की गई है।

आगे रणनीति क्या होगी? 

 

पुलिस की गोलीबारी में घायल किसानों को पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया है। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने ऐलान किया है कि हम किसानों के जत्थे को वापस बुला रहे हैं। किसान संगठन बड़ी बैठक करने के बाद तय करेंगे कि उनकी आगे रणनीति क्या होगी। 

क्यों लगाई गई याचिका?

 

किसानों को लेकर शीर्ष कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया था कि इस तरह हाईवे को रोकना लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन है। याचिका में यह भी कहा गया था कि यह नेशनल हाइवे एक्ट और BNS के तहत भी अपराध है। ऐसे में हाईवे को रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार 

 

वहीं, शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन से हाईवे जाम के मामले पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा कि कोर्ट इस मामले पर पहले ही सुनवाई कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से यह याचिका लंबित है। नई याचिका नहीं सुनेंगे।

कितने दिनों से सड़क पर हैं किसान?

 

किसान 13 फरवरी 2024 से ही पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षाबल उन्हें दिल्ली की ओर नहीं बढ़ने दे रहे हैं। किसान नेताओं ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अगर सरकार बातचीत नहीं करती है तो 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेगा। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवा को 9 दिसंबर तक निलंबित कर दिया है। 

चाहते क्या हैं किसान?


- फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी।
- कृषि कर्ज माफी।
- बिजली की दरों को महंगा ना किया जाए।
- किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं।
- किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन मिले।
- साल 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों की मदद की जाए।

Related Topic:#Farmer protest

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap