पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 22 दिनों से MSP कानून की मांग को लेकर अनशन पर हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक किसानों से कोई बातचीत नहीं की जिसके विरोध में अब किसान बुधवार (18 दिसंबर) को रेल रोको आंदोलन निकालेंगे।
इससे कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होने की संभावना है। रेल रोको आंदोलन के तहत 3 घंटे तक किसान पटरियों पर बैठे रहेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन आज दोपहर 12 बजे शुरू होगा और राज्य भर के 23 जिलों में दोपहर 3 बजे समाप्त होगा।
200 जगहों पर ट्रेनें रोके जाएंगे
दरअसल, 18 दिसंबर (बुधवार) को रेल रोको आंदोलन को लेकर पूरा पंजाब एकजुट हो गया है। जहां-जहां रेल ट्रैक और स्टेशन हैं वहां वहां लाखों लोगों को पंजाबी किसानों के साथ एकजुट होने की सलाह दी जा रही है। किसान पूरी तरह से चक्का जाम करेगी। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इस दौरान करीब 200 जगहों पर ट्रेनें रोकने का कार्यक्रम बनाया गया है।
शंभू और खनौरी सीमा पर किसानों का डेरा
बता दें कि किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। 101 किसानों के एक जत्थे ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए। हालांकि, हरियाणा में सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
किसानों की मांग क्या?
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान 18 दिसंबर को पंचकूला में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति से नहीं मिल पाएंगे।