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फिर धुआं-धुआं हो गया शंभू बॉर्डर, 'दिल्ली कूच' से पहले रोके गए किसान

दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे किसानों को एक बार फिर से शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। पुलिस ने आंसू गैस के गोले जमकर दागे।

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शंभू बॉर्डर पर डटे किसान, Photo: PTI

हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से बैठे किसानों ने आझ फिर 'दिल्ली कूच' की कोशिश की। पहले से तैयार बैठी हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से उन्हें रोक दिया। इस झड़प में कुल 10 लोग घायल भी हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बाकी किसान संगठनों से अपील की है कि वे भी साथ आएं। उन्होंने कहा कि जब बाकी किसान संगठन साथ आएंगे तभी ये आंसू गैस के गोले चलना बंद होंगे। किसानों के संभावित कूच को देखते हुए आज भी हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था। किसानों के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहलवान और कांग्रेस के नेता बजरंग पूनिया भी पहुंचे।

 

किसानों ने पहले ही ऐलान किया था कि 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए पैदल कूच करेगा। हालांकि, पुलिस बार-बार माइक से ऐलान करती रही कि किसान लौट जाएंगे दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है। जब किसानों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी खूब इस्तेमाल किया। इशके बाद किसान रुक गए। हालांकि, इस सबमें कई किसानों को चोटें भी आई हैं। बता दें कि शंभू बॉर्डर पर किसानों का धरना पिछले 307 दिनों यानी लगभग 10 महीनों से जारी है। इन किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पक्की बैरिकेडिंग कर रखी है और रास्ता बंद कर दिया है।

 

'देश के सब किसान जुटेंगे, तभी ये सुनेंगे'

 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'दोनों पक्ष बिके हुए हैं, दोनों पक्ष किसान-मजदूर की बात संसद में नहीं कर रहे हैं। भारत की सरकार किसानों को मारने के लिए आतुर है। पूरे देश के 140 करोड़ लोगों तक हमारी आवाज जा रहा है लेकिन देश के प्रधानमंत्री के कान कॉरपोरेट ने बंद कर रखे हैं और उनके कान तक हमारी आवाज नहीं जा रही है। हम चाहेंगे कि पूरे भारतवर्ष के किसान खड़े हों। अगर पूरे भारत के किसान-मजदूर आवाज उठाएंगे तो ये शेलिंग बंद हो जाएगी और हमें दिल्ली भी जाने दिया जाएगा। इसी के साथ-साथ हमारी मांगें भी मानी जाएंगी।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'हरियाणा पुलिस देश को गुमराह कर रही है। वह यह बताए कि 100 पैदल आदमी देश के अमन चैन के लिए खतरा क्यों हैं? आपने 10 महीनों से बॉर्डर बंद क्यों कर रखा है? इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है।' किसान आगे क्या करेंगे, इसके बारे में सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि अभी इस पर चर्चा करके शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया जाएगा।


'ऐसा लग रहा है जैसा पाकिस्तान बॉर्डर है'

 

किसानों के बीच पहुंचे बजरंग पूनिया ने कहा, 'एक तरफ सरकार कह रही है कि वह किसानों को नहीं रोक रही है। दूसरी तरफ ये लोग आंसू गैस के गोले चला रहे हैं और बाकी चीजें कर रहे हैं। ऐसा किया जा रहा है, जैसा पाकिस्तान बॉर्डर पर किया जा रहा हो। दिल्ली जाने के लिए आखिर किस बात की परमिशन चाहिए। हम 2020-21 में भी आंदोलन के समर्थन में खड़े थे, आज भी खड़े हैं। किसान अपनी फसल की न्यूनतम कीमत ही मांग रहे हैं। सरकार से मांग है कि उसने जो वादे किसानों से किए हैं, उसको पूरा करे।'

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