सामान्य है फरवरी-मार्च का हीटवेव, वैज्ञानिकों ने बताई असली वजह
साल 2006 से ही फरवरी के अंतिम सप्ताहों में तापमान बढ़ जाता है। हालांकि पश्चिमी तटों पर हीट वेव जैसी स्थितियां चौंका रही हैं।

मुंबई में फरवरी के महीने में पड़ रही भीषण गर्मी। (Photo Credit: PTI)
फरवरी का महीना आमतौर पर गुलाबी ठंड का महीना कहा जाता है। न ज्यादा ठंड पड़ती है, न बहुत गर्मी। बीते कुछ साल में फरवरी में पहले की तुलना में अधिक गर्मी पड़ी है। बुधवार को ही दिल्ली का अधिकतम तापमान 30 डिग्री को पार कर दिया। इस सीजन के लिए यह अप्रत्याशित है।
भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को भीषण गर्मी पड़ने की आशंका जताई है। मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरी जिलों में अगले 2 से 3 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ेगी। यहां हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है। तापमान 37 डिग्री से लेकर 38 डिग्री तक जा सकता है।
क्यों जारी करना पड़ा है हीटवेव अलर्ट?
मुंबई में आमतौर पर मौसम हीटवेव की आशंका इन दिनों नहीं होती है। मुंबई में सांताक्रूज और कोलाबा में दो ऑब्जर्वेटरी हैं। IMD के दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर इन दोनों जगहों पर दो दिनों के लिए 37 डिग्री से ज्यादा का तापमान हो तो हीटवेव अलर्ट जारी की जानी चाहिए। सोमवार को सांताक्रूज में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं कोलाबा में 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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IMD के वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा कि 10 साल से ऐसी स्थितियां बनी हैं कि यहां लोगों ने लू का सामना किया है। रत्नगिरी में 38.9, पणजी में 37.4, संताक्रूज में 38 डिग्री तापमान रहा। आम दिनों की तुलना में 5 से 7 डिग्री ज्यादा तापमान देखा गया। यही वजह है कि हीटवेव का अलर्ज जारी किया गया है।
क्यों पश्चिमी तटों पर बढ़ी है गर्मी, वजह जानिए
पश्चिमी तटों पर समुद्री हवाएं देरी से चल चल रही हैं। सुबह 10 से 11 बजे तक जिन्हें दस्तक देना होता है, वे घंटो की देरी से आती हैं, जिसकी वजह से तापमान बढ़ जाता है। अगर वे अपने पूर्व निर्धारित समय पर आतीं तो गर्मी सामान्य होती। डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा, 'मध्य पूर्व और भूमध्य सागर क्षेत्र से भारत की ओर हवाएं आ रही हैं। वहां से गर्म हवाएं आ रही हैं। गर्मी और नमी दोनों इसी इलाके की ओर आ रही हैं। गर्मियों के महीनों में होता है मार्च और मई के बीच होता है।
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भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा कि साल 2009 से लेकर 2025 के बीच 9 बार ऐसा हुआ है, जब तापमान 30 डिग्री के स्तर पर फरवरी में ही पहुंच गया। धूप की वजह से तापमान 32.4 डिग्री तक पहुंचा। दिल्ली में गुरुवार को मौसम में बदलाव देखने को मिला। अभी ठंडी हवाएं चल रही हैं और आंशिक बादल छाए हुए हैं।
फरवरी में 2 दशक से बढ़ी है गर्मी
डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा, 'गर्मी की औपचारिक शुरुआत 1 मार्च से होती है। पश्चिमी हिस्से में हीट वेव का अलर्ट जारी करना पड़ा है लेकिन यह कहीं से भी चिंता बढ़ाने वाली बात नहीं है। फरवरी का कुछ हिस्सा गर्म ही होता है। गर्मी कई बातों पर निर्भर करती है, बादल कैसे हैं, विक्षोभ किस तरह के हैं, समुद्री स्थितियां क्या हैं, यह चिंता की बात नहीं है।'
वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा, 'मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2006 से 2025 तक, फरवरी में कई बार 30 डिग्री से ज्यादा तापमान रहा है। 26 फरवरी 2006 को दिल्ली का तापमान 34.1 डिग्री तक पहुंचा। 28 फरवरी 2012 को 30.1, 29 फरवरी 2016 को 30.6 डिग्री, 21 फरवरी 2017 को 32.4 डिग्री, 23 फरवरी 2018 को 32.0 डिग्री तक, 26 फरवरी 2021 से 33.2 डिग्री, 21 फरवरी 2023 को 33.6 डिग्री और 26 फरवरी 2025 को 32.4 डिग्री तक पहुंच गया।'
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दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम?
दिल्ली में 28 फरवरी को हल्की बारिश हो सकती है। बादल छाए रह सकते हैं और तेज हवाएं चल सकती हैं। अधिकतम तापमान 23 डिग्री से 25 डिग्री के बीच जा सकता है। 1 से 4 मार्च के बीच मौसम साफ हो सकता है।
क्या बढ़ती गर्मी खतरे का संकेत है?
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा है कि यह खतरे का संकेत नहीं है। मौसम संबंधी बदलावों का दीर्घकालिक असर होता है, तत्काल उसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। मुंबई में फरवरी 2025 के दौरान दिख रहा बदलाव, बढ़ती गर्मी का संकेत है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने जनवरी 2025 में ही संकेत दिया था कि फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और कम बारिश की संभावना है। इससे रबी की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती गर्मी न केवल जलवायु परिवर्तन का संकेत है। कृषि और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सही जरूरी सावधानी और उचित कदम उठाना आवश्यक है।
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