संभल हिंसा में 2,500 लोगों पर FIR दर्ज, जिले में अभी तक क्या हुआ?
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि हिंसा को लेकर तकरीबन 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

संभल हिंसा के बाद मोर्चा संभालती पुलिस। Source- PTI
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद में सर्वे करने का कोर्ट से आदेश मिला। कोर्ट का आदेश मिलते ही प्रशासन के सरकारी अधिकारी मस्जिद में सर्वे करने गए लेकिन वहां मौजूद लोगों विरोध करते हुए हंगामा काट दिया। हंगामा ऐसा हुआ कि जिले में हिंसा जैसे हालात पैदा हो गए। अब संभल में कर्फ्यू लगा है।
जब पुलिस ने भीड़ के रोकने की कोशिश की तो वहां मौजूद सौकड़ों लोगों ने पुलिस को घेर लिया और उनपर पत्तथरबाजी करने लगे। पुलिस के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। संभल में हुई हिंसा के बाद इलाके में हाई अलर्ट जारी है। इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और बड़ी संख्या में पुलिस सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
तकरीबन 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा है कि हिंसा को लेकर तकरीबन 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एसपी ने कहा है कि हिंसा करने वाले सभी लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए की जाएगी और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एफआईआर में संभल सांसद का भी नाम
एफआईआर में संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क का है। समाजवादी पार्टी के सांसद ने आरोपों से इनकार किया है और यूपी पुलिस प्रशासन पर 'षड्यंत्र' रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला झूठा है, क्योंकि हिंसा भड़कने के समय वह यूपी में थे ही नहीं थे।
संभल सासंद ने घटना को पूर्व नियोजित बताया
सांसद रहमान बर्क ने संभल प्रशासन पर घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिले में पुलिस प्रशासन द्वारा की गई घटना ने पूरी मानवता को झकझोर दिया है। इससे राज्य और देश की छवि को नुकसान पहुंचाया गया है। कल मैं राज्य में मौजूद भी नहीं था, संभल तो दूर की बात है, मैं इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में भाग लेने के लिए बेंगलुरु गया था लेकिन मेरे खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया।
जिया उर रहमान बर्क ने हिंसा फैलने के बाद रविवार को मीडिया से कहा कि घटना 'पूर्व नियोजित' थी और वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है।
अखिलेश यादव का सरकार पर सीधा हमला
अपने सांसद के ऊपर एफआईआर दर्ज होने के बाद समाजवादी पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव ने एएनआई से कहा कि सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। यह सरकार ने दंगा करवाया है। कोर्ट ने जैसे ही आदेश पारित किया उसके तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए। 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वे किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया?
#WATCH | Delhi: On Sambhal stone pelting incident, Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav says "Our MP Zia ur Rahman was not even in Sambhal and despite that an FIR was lodged against him...This is a riot done by the government...Right after the order was passed by the Court, police… pic.twitter.com/qwPGtpho1m
— ANI (@ANI) November 25, 2024
सांसद अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है। इससे कई लोग घायल हो गए। पांच निर्दोष लोगों की जान चली गई।
'लोगों को न्याय मिले'
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके।
वहीं, संभल की हिंसा पर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं हिंसा के खिलाफ हूं। यूपी में न्याय गोलियों से हो रहा है और इस गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह एक साजिश है और हमारे गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं।
#WATCH | Hapur, UP: On Sambhal violence, Azad Samaj Party's National President Chandrashekhar Azad says, " ...I am against violence...in UP, justice is being done through bullets and this hooliganism can't be tolerated...this is a conspiracy and our poor people are becoming prey… pic.twitter.com/BqjZCY7bQm
— ANI (@ANI) November 25, 2024
हिंसा की वजह
बता दें कि संभल हिंसा की शुरुआत उस समय हुई जब रविवार सुबह उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी थी। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। मुरादाबाद के डिवीजन के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक सूबह 11 बजे सर्वे खत्म करने के बाद जब टीम बाहर निकली तो उन पर तीन तरफ से लोगों ने पथराव कर दिया, इसके बाद पुलिस ने बलप्रयोग किया ताकि सर्वे टीम को सुरक्षित निकाला जा सके।
इसी दौरान भीड़ के बीच से गोलियां चलीं जिसमें पुलिस अधीक्षक के पीआरओ के पैर में गोली लगी, डिप्टी कलेक्टर का पैर फ्रैक्चर हुआ है और 15-20 जवान भी घायल हो गए। सुरक्षा को देखते हुए इलाके में इंटरनेट सेवा और स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
तेजस्वी यादव की भी आई प्रतिक्रिया
संभल की हिंसा मामले पर आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी के लोग यूपी में उत्पात मचा रहे हैं, वे देश में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं और नफरत फैलाना चाहते हैं। जिस तरह से सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है, पुलिस गुंडों में तब्दील हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी सिर्फ नफरत ही नहीं फैला रही है, ये लोग किसी भी तरह से देश को तोड़ना चाहते हैं इसीलिए हम सब एकजुट हैं। हम उनकी नफरत की साजिश को जानते हैं, अगर कोई बिहार में ऐसी कोशिश करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
सांसदों ने क्या कहा?
इसके अलावा अलग-अलग पार्टियों के सांसदों ने भी संभल की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए योगी सरकार को घेरा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा की संभल के बारे में सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी हिंसा को लेकर सरकार को घेरा है।
सोमवार शआम को संभल पुलिस ने उन इलाकों में फ्लैग मार्च किया जहां रविवार को मस्जिद का सर्वे करने के बाद हिंसा हुई थी।
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