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जिन शब्दों को हिंदी समझते हैं आप, वे कहां से आए हैं?

हिंदी में कई शब्द ऐसे हैं जिन्हें हम हिंदी का मूल शब्द मानते हैं लेकिन वे होते नहीं हैं। वे किसी और भाषा के शब्द हैं। आइए जानते हैं उन शब्दों के बारे में।

World Hindi Day

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Social Media)

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भारत के हर राज्य में हिंदी जानने-समझने वाले लोग मिल जाते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 343 (1) देवनागिरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा मानता है। दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों में हिंदी बोलने वाले लोग मौजूद हैं। 200 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है।

हिंदी के विस्तार की वजह क्या है? अगर आप कभी गौर से सोचेंगे तो आपको लगेगा कि यह भाषा नहीं, भाषा का समुद्र है। जैसे समुद्र में जाकर सारी नदियां गिरती हैं, उसका हिस्सा बन जाती हैं, ठीक वैसे ही हिंदी में आकर दुनिया के कई शब्द हिंदी जैसे हो जाते हैं। 

विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका मकसद पूरी दुनिया में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया था। विश्व हिंदी दिवस 2025 की थीम इस बार 'एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज' है।  

जैसे अंग्रेजी का शब्द 'मूड' इस हद तक हिंदी भाषा में मिल-जुल जाता है कि हिंदी की बोलियों में भी लोग 'मूड-ऑफ' का इस्तेमाल करने लगते हैं। कुछ शब्द हिंदी में ऐसे घुले-मिले हैं, जिन्हें आप पहचान भी नहीं पाएंगे। 

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हमारे घरों में जो 'अलमारी' होती है, वह पुर्तगाली शब्द है। हिंदी में आप मिजाज, असर, किस्मत, खयाल, दुकान, औरत, जहाज, आराम, अफसोस, किनारा, जेहन, दिमाज और नजर जैसे शब्दों का खूब इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसमें से कोई भी शब्द हिंदी का नहीं है। 

गानों में हिंदी से ज्यादा अरबी और उर्दू का क्रेज
हिंदी फिल्मों के गानों में खूब उर्दू का इस्तेमाल होता है। हिंदी के सारे हिट गानों में उर्दू, अरबी फारसी के शब्दों का खूब इस्तेमाल हुआ है। फिल्म इंडस्ट्री में उर्दू और अरबी का क्रेज रहा है। गीतकार शैलेंद्र से लेकर जावेद अख्तर और गुलजार तक उर्दू के शब्दों का खूब इस्तेमाल करते रहे हैं। 

उर्दू के शब्द जिनका हिंदी में खूब होता है इस्तेमाल
अदब, इल्म, खुशबू , जज़्बा, इंसाफ, मकसद, सब्र, शुक्रिया, इश्क, मोहब्बत, प्यार, दिल, जुनून, बरकत, तहजीब, रिवायत, दस्तूर, रिवायत, दस्तूर, मुलाकात, गम, सुकून, हुस्न, शायर, गजल, अफसोस, ख्वाब, लिहाज, नसीब, सियासत। ऐसे कई शब्द हैं, जिन्हें पढ़कर आप हिंदू और उर्दू में अंतर नहीं कर सकते हैं। 

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अरबी के शब्द जिनका खूब होता है इस्तेमाल
कानून, जुर्म, सजा, हुकूमत, इंसाफ, मालिक, खिलाफ, सवाल और जवाब, रहम, गुनाह, नियाज, जन्नत, कुर्बानी, रोजा, अमानत जैसे शब्द भी हिंदी में प्रचलित हैं। रकम, सौदा, जमानत, वजह, तारीख, किस्सा, जज्बा जैसे शब्द भी हिंदी में खूब इस्तेमाल होते हैं।

अंग्रेजी के शब्द जो बन गए हिंदी
बस, ट्रेन, टीवी, फोन, ड्राइवर, पार्टी, ऑफिस, पार्टी, टाइम, कंप्यूटर, मोबाइल, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, टीचर, क्लास, स्टूडेंट, मास्टर, इंटरनेट, कॉलेज, डिग्री, मेडल, डॉक्टर, कंपनी, मैच, होटल, स्कूल जैसे शब्दों का हिंदी में भी खूब इस्तेमाल हो रहा है।

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