ओडिशा में गोपालपुर गैंगरेप मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गोपालपुर बीच पर 20 साल की कॉलेज छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में कांग्रेस पार्टी ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जो कुछ गोपालपुर में हुआ जिसमें 10 लोगों ने एक महिला के साथ गैंगरेप किया, वह काफी शर्मिंदा करने वाला था। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है।
सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सुभद्रा योजना के बारे में बात करती है जबकि राज्य में महिलाओं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस्तीफे की मांग की। हालांकि, ओडिशा की डिप्टी सीएम प्रवती परिदा ने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और एसपी को निर्देश दिया गया है कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
क्या था पूरा मामला
ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर बीच पर 20 वर्षीय एक महिला के साथ 10 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों में से चार नाबालिग थे। घटना रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है जब वह अपने पुरुष मित्र के साथ घूमने के लिए गई थी। पीड़िता एक प्राइवेट कॉलेज की छात्रा है। जब वह अपने दोस्त के साथ टहल रही थी तभी तीन मोटर साइकिलों पर 10 युवकों का समूह वहां पर पहुंचा और उनकी फोटो खींचने लगा। विरोध करने पर उन्होंने महिला के पुरुष मित्र पर हमला कर दिया और उसे रस्सियों से बांध दिया।
इसके बाद वे महिला को पास के खाली पड़े घर में ले गए और बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। घटना के बाद उसके मित्र और महिला ने रात के 11 बजे गोपालपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
क्या कहती है पुलिस
ब्रह्मपुर के एसपी सरवन विवेक एम ने इस मामले में कहा कि एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और बाकियों को कुछ समय बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से चार नाबालिग हैं, उन्हें भी हिरासत में रखा गया है। उन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि उनके साथ भी बालिगों जैसा व्यवहार किया जाए।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी स्वतः संज्ञान ले लिया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहटकर ने ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया को पत्र लिखकर तत्काल जांच करके सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही साथ ही महिला को मुफ्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराने की भी बात कही। उन्होंने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई करने और बीएनएस की धारा 396 के तहत मुआवजा देने का निर्देश दिया।