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'यहां आए तो मारकर भगाएंगे', अखाड़ा परिषद ने 'पन्नू' को लताड़ा

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कुंभ मेले को प्रभावित करने की धमकी दी है। अखाड़ा परिषद ने इसका जवाब दिया है।

Kumbh

कुंभ मेले में साधू-संत जुटने लगे हैं। (तस्वीर-PTI)

कुंभ मेले पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह ने ऐसी धमकी दी है कि जिसके बाद अखाड़ा परिषद भड़क गया है। अखाड़ा परिषद ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को दो समुदायों के बीच अलगाव पैदा करने का दोषी माना है। अखाड़ा परिषद ने कहा है कि यह आतंकी धर्मों में बंटवारा कर रहा है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में महाकुम्भ को निशाना बनाने की धमकी दी थी। सोमवार को पीलीभीत में उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादी मारे गए थे। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कथित तौर पर महाकुम्भ में दखल देने की बात कही थी।

कुंभ में तीन तिथियों पर खूब भीड़ होती है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन खूब भीड़ होती है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इन्हीं तिथियों पर हंगामा करने की धमकी दी है।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
गुरपतवंत सिंह पन्नू प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का सरगना है और उसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है। वह अमेरिका और कनाडा में सक्रिय तौर पर रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखता है। भारत में वह घोषित आंतकी है और खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं। वह आजाद सिख लैंड खालिस्तान की बात करता है। वह पंजाब में पैदा हुआ और खुद को अमेरिका में वकील बताता है। उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बैकअप देती है। वह भारत का सबसे मुखर आलोचक रहा है।

वह अक्सर हिंदुस्तान को धमकाने वाला वीडियो जारी करता है। वह खालिस्तान की मांग करता है और कनाडा में भी उसकी मजबूत पकड़ है। वह भारतीय नेताओं, राजनायिकों और हिंदुओं को धमकाता नजर आ रहा है। गुरपतवंत सिंह पन्नू 1984 के दंगों में भूमिका के लिए हिंदुस्तानी नेताओं के खिलाफ अमेरिका में केस दर्ज करवाता था। 

 

'अगर आए तो मारकर भगाएंगे'
प्रयागराज के कुंभ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'पन्नू नाम का जो व्यक्ति है, अगर कहीं ये हमारे महाकुम्भ में आया तो इसे मार-मारकर भगाया जाएगा। हमने ऐसे पागल सैकड़ों की संख्या में देखे हैं। यह महाकुम्भ का मेला है। जितने भी सिख और हिंदू हैं, सभी एक हैं।'

'हम नागा साधू, सनातनी सैनिक'
रवींद्र पुरी ने कहा, 'गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आपस में विभाजन कराने वाली जो बात की है, वह उचित नहीं है। सिख समाज ने ही सनातन धर्म को बचाए रखा है। हमारे यहां नागा साधुओं की तरह उनके यहां भी नागा साधु होते हैं। ये दोनों एक ही हैं और सनातन के सैनिक हैं। इसलिए हम इन पागलों को अधिक गंभीरता से नहीं लेते।'

'उग्रवादियों से हमें डर नहीं'
अखाड़ा परिषद ने कहा है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वह हमेशा ही ऐसे ही भाषा बोलता है, जिससे देश बंटे। वह सनातन धर्म पर हमला करने की कोशिश करता रहा है। महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'आपने देखा होगा कि हमारे तीन अखाड़े- बड़ा उदासीन अखाड़ा, नया अखाड़ा उदासीन और निर्मल अखाड़ा पंजाब से हैं जहां सिद्ध साधु महात्मा हैं। इसलिए हम ऐसे उग्रवादी को गंभीरता से नहीं लेते हैं।'

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