लंबी मशक्कत के बाद देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई है। चुनाव नतीजे आने के बाद देवेंद्र फडणवीस को अपनी पार्टी से लेकर महायुति के गठबंधन साथियों को साधना पड़ा। कहा गया कि पहले तो एकनाथ शिंदे तैयार नहीं हो रहे थे। तैयार हुए तो डिप्टी सीएम पद नहीं लेना चाह रहे थे लेकिन आखिर में वह मान गए। अब खुद महाराष्ट्र के सीएम और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसका खुलासा किया है कि आखिर कैसे एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार हुए। फडणवीस ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार की कुछ खूबियां भी बताई हैं और यह भी बताया है कि आखिर कैसे अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां मिलकर महाराष्ट्र में काम कर रही हैं।
सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस मीडिया से खूब बात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार को एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। इसी इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा है कि एकनाथ शिंदे किसी बात को लेकर नाराज नहीं थे। फडणवीस के मुताबिक, दिल्ली में हुई मीटिंग में ही एकनाथ शिंदे इस बात पर सहमत हो गए थे कि बीजेपी के ज्यादा विधायक जीतकर आए हैं तो सीएम पद बीजेपी को मिलना चाहिए। बता दें कि चुनाव नतीजों के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना, अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और बीजेपी ने मिलकर महायुति गठबंधन वाली सरकार बनाई है।
एकनाथ शिंदे पर क्या बोले फडणवीस?
इसी इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'शिंदे जी इमोशनल नेचर के हैं। वहीं अजित दादा प्रैक्टिकल राजनीति करते हैं। मैंने दोनों से कनेक्ट किया है।' फडणवीस ने इस बात को स्वीकार किया कि इन दोनों नेताओं और इनकी पार्टियों को लेकर साथ चलना काफी चुनौती भरा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल 'रोलर कोस्टर राइड' जैसे रहे।
उन्होंने शपथ ग्रहण में देरी के सवाल पर कहा, 'ज्यादा कोई देरी नहीं हुई। मुझे नहीं लगता कि शिंदे जी किसी बात पर गुस्सा थे। एक समूह था जो यह चाहता था कि शिंदे जी संयोजन समिति के चेयरमैन बनें। कोई गुस्सा नहीं था। दिल्ली में हमारी मीटिंग में शिंदे जी ने माना था कि बीजेपी के ज्यादा विधायक हैं तो सीएम उसका होना चाहिए।' बता दें कि हाल ही शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनने के बजाय अपनी पार्टी को मजबूत करने का काम करना चाहते थे लेकिन पार्टी नेताओं की मांग पर वह शामिल हुए।
एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम न बनने की जिद के सवाल पर फडणवीस ने कहा, 'अगर पार्टी का मुखिया सरकार से बाहर हो तो पार्टी सही से नहीं चल पाती। मैंने यही बात शिंदे जी को समझाई।' बता दें कि भले ही सरकार का गठन हो गया है लेकिन मंत्रिमंडल का बंटवारा अभी भी बेहद अहम मुद्दा है। यही वजह है कि अभी तक पोर्टफोलियो के बंटवारे और बाकी मंत्रियों की शपथ पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।