गोमूत्र का सेवन हमेशा से बहस का मुद्दा रहा है। आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि का एक ताजा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसको लेकर एक बार फिर से इसपर बहस छिड़ गई है। वीडियो में कामकोटि 'गोमूत्र' की औषधीय गुणों को लेकर बात कर रहे हैं।
उन्होंने गायों की देसी नस्ल की रक्षा करने और जैविक खेती अपनाने के महत्व पर जोर दिया है। दरअसल, आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर कामकोटि ने गोमूत्र के 'एंटी-बैक्टिरियल, एंटी-फंगल और पाचन गुणों' का समर्थन किया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि गोमूत्र का इस्तेमाल बड़ी आंत से संबंधित बीमारी 'इरिटेबल बाउल सिंड्रोम' जैसी स्थितियों में निपटने में मदद करता है।
गो संरक्षण शाला में दिया बयान
कामकोटि ने यह बातें चेन्नई में गो संरक्षण शाला में आयोजित एक कार्यक्रम में कही हैं। उन्होंने एक संन्यासी का किस्सा सुनाते हुए कहा कि संन्यासी को एक बार तेज बुखार हुआ, तो उसने गोमूत्र का सेवन किया था और वह ठीक हो गया था। उन्होंने कहा कि एक 'जैविक किसान' के रूप में उन्होंने गोशाला कार्यक्रम में अपनी बातें रखी हैं।
आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि के इस बयान के बाद कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने तीखी आलोचना की है। कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा कि आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर साइंस को गलत तरीके से प्रचारित की कोशिश कर रहे हैं।
डीएमके ने भी उठाए सवाल
वहीं, डीएमके ने कामकोटि के बयान पर कहा कि यह सच्चाई के खिलाफ है और शर्मनाक है। द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने कामकोटि की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मंशा देश में शिक्षा को खराब करने की है।
टीपीडीके नेता के. रामकृष्णन ने कहा कि कामकोटि को अपने दावे के लिए सबूत देना चाहिए या माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो हम उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।