डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के कार्यकारी निदेशक के पद से हटा दिया है। वह इस पद पर नवंबर 2022 से थे। भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का वह प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उनका कार्यकाल नवंबर 2025 तक था, लेकिन इसे समय से पहले खत्म कर दिया गया। सरकार ने उनके हटाने का कोई कारण नहीं बताया। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नियुक्ति समिति ने लिया।
डॉ. केवी सुब्रमण्यन 2018 से 2022 तक भारत के सबसे युवा मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग, IIM कलकत्ता से MBA और शिकागो विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में PhD की है। वह बैंकिंग, मौद्रिक नीति, और कॉरपोरेट गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
कार्यकाल खत्म होने से 6 महीने पहले हटाए गए
डॉ. केवी सुब्रमण्यन के शोध दुनियाभर की बड़ी पत्रिकाओं में छपते हैं। उन्हें कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने पहले ही पद से हटा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना कहती है, 'मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में कार्यकारी निदेशक के पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने को मंजूरी दे दी है।'
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3 साल से IMF में थे
IMF के कार्यकारी निदेशक के तौर पर उनका कार्यकाल 3 साल का था। तीन साल पूरे होने के बाद नवंबर 2025 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था। सरकार ने उन्हें बाहर क्यों निकाला है, इसकी कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। जिस मंत्रिमंडल नियुक्ति समिति ने उन्हें बाहर की राह दिखाई है, उसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
कौन हैं केवी सुब्रमण्यन?
केवी सुब्रमण्यन, IMF के कार्यकारी निदेशक थे। उनका कार्यकाल नवंबर 2025 में खत्म हो रहा था। वह भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। यह पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। उन्होंने IIT खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बाद में IIM कलकत्ता से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की।
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उपलब्धियां क्या हैं?
केवी सुब्रमण्यन शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की। केवी सुब्रमण्यन ने सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अलग-अलग समितियों में पद संभाले हैं।
किन पत्रिकाओं में छप चुके हैं?
प्रोफेसर सुब्रमण्यन ने बैंकिंग और मौद्रिक नीति, कॉर्पोरेट प्रशासन, बैंकिंग एक्सचेंज, फाइनेंस, कानून और बैंकरप्ट मामलों पर शोध किया है। उनके रिसर्च पेपर द रिव्यू ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज, द जर्नल ऑफ फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स, द जर्नल ऑफ फाइनेंशियल एंड क्वांटिटेटिव एनालिसिस और द जर्नल ऑफ लॉ एंड इकोनॉमिक्स में प्रकाशित हो चुके हैं।