अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम समझौते पर सहमति व्यापार रोकने की धमकी पर दी है। उनका इशारा था कि अमेरिका के व्यापार रोकने की धमकी से भारत डर गया और युद्ध विराम के लिए सहमत हो गया। डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्होंने यह बात दोहराई कि यह अमेरिका ही था, जिसकी वजह से दोनों देशों ने तत्काल और पूर्ण संघर्ष विराम पर हामी भरी। भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को साफ कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंक नहीं रोकेगा तो इसी तरह भारत दोबारा पाकिस्तान को जख्म देगा।
भारतीय डिप्लोमेट डोनाल्ड ट्रम्प की इस बात से सहमत नहीं हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने शीर्ष राजनयिकों के हवाले से लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच व्यापार का मुद्दा बिलकुल भी नहीं उठा। डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापार की धमकी वाले दावों को भी भारतीय पक्ष ने खारिज कर दी।
डोनाल्ड ट्रम्प क्यों दे रहे हैं ऐसे बयान?
भारत और पाकिस्तान से पहले ही डोनाल्ड ट्रम्प 10 मई को शाम 5.30 पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश जंग रोकने के लिए सहमत हो गए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प तब से ही लगातार खुद को दुनिया के सबसे बड़े मध्यस्थ के तौर पर पेश कर रहे हैं। भारतीय पक्ष का दावा है कि सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) की ओर से द्विपक्षीय तौर पर बनाई गई थी।
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क्या व्यापार पर बात हुई थी?
हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जो लोग इस वार्ता में शामिल रहे हैं, उनका कहना है कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच हुई बातचीत में व्यापार का कहीं जिक्र नहीं हुआ थआ। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को पीएम नरेंद्र मोदी से बात की थी, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 8 मई और 10 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की, तब भी व्यापार का मुद्दा नहीं उठा। डोनाल्ड ट्रम्प अक्सर बड़बोले बयान देते आए हैं, उनके इस बयान को भी अब लोग उसी तरह से देख रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा था, 'अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में मदद की है। मुझे यकीन है कि यह सीजफायर स्थायी होगा। दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं, इससे एक भीषण परमाणु जंग छिड़ सकती थी। लाखों लोग मारे जा सकते थे। मैंने दोनों से कहा कि चलिए इसे रोकते हैं। अगर आप इसे रोकते हैं तो हम व्यापार कर रहे हैं। अगर आप इसे नहीं रोकते हैं तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। लोगों ने कभी भी बिजनेस का उस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जैसा मैंने किया।'
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'मध्यस्थ' ट्रम्प कई बार करा चुके हैं किरकिरी
साल 2019 से लेकर अब तक डोनाल्ड ट्रम्प कई बार खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ बनने की पेशकश कर चुके हैं। भारत ने हर बार उनकी मध्यस्थता खारिज की है और कहा है कि जम्मू और कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है, जिस पर विदेशी हस्तक्षेप की जरूरत नही्ं है।