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देश में पड़ने वाली है कड़ाके की ठंड, वजह क्या है? समझिए

भारत मौसम विभाग (IMD) के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया है कि ला नीना प्रभाव के असर पर अभी मौसम विभाग कुछ नहीं कह सकता है।

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देश में इस बार औसत से ज्यादा ठंड पड़ सकती है। (फाइल फोटो-PTI)

भारत में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। नवंबर से जनवरी के दौरान बीते कुछ साल कम ठंडे रहे हैं, लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड टूटने वाला है। इस बार की सर्दी में लोगों का हाल बेहाल होने वाला है। 'द एपीईसी क्लाइमेट सेंटर' ने दावा किया है कि भारत में इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। 

'द APEC' की रिपोर्ट में बताया है कि 'ला नीना' (La Nina) इफेक्ट की वजह से मौसम की ऐसी संभावनाएं बन रही हैं। द एपीईसी ने कुछ महीने पहले ही कहा था कि दिसंबर 2024 से लेकर फरवरी 2025 तक ला नीना प्रभाव बना रहेगा, जिसकी वजह से कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है।

किन देशों पर होगा सबसे ज्यादा असर?
भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में सर्दी, औसत से ज्यादा पड़ेगी। इस दौरान भीषण ठंड पड़ेगी और लोग ठिठुरन से जूझेंगे। साल 2001 में भी भारत एक बार ला नीना की जद में आया था, जब कड़ाके की शीतलहर और ठंड पड़ी थी। सर्दी का आलम ये था कि ठंड, औसत से ज्यादा दिनों तक टिकी रह गई थी। 

कब बनता है ला नीना का संयोग?
ला नीना स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ छोटी बच्ची होता है। यह जलवायु मानक है, जिसके आधार पर ठंड या गर्म मौसम से जुड़ा अनुमान लगाया जाता है। समुद्री जल के तापमान की स्थिति, प्रशांत महासागर में होने वाली हवाई हरकतें यह तय करती हैं कि एशिया का मौसम कैसा होगा। धरती पश्चिम से पूरब की ओर जब घूमती है तो हवाएं 30 डिग्री उत्तर से दक्षिण की ओर तिरछी होकर बहने लगती हैं। 

ला नीना के प्रभाव की वजह सेतेज हवाएं, गर्म हवाओं को एशिया की ओर धकेलती हैं। दक्षिण अफ्रीका की ओर यही हवाएं और सर्दी बढ़ाती हैं। जब प्रशांत महासागर का पानी, अचानक ठंडा होने लगता है और ठंडी लहरे हावी होने लगती हैं। जब प्रशांत महासागर का तापमान ज्यादा कम होने लगता है, तब ये ही हवाएं भारतीय उपमहाद्वीप में ठंडी बढ़ा देती हैं या बारिश की संभावनाएं बढ़ा देती हैं।


इस बार कैसे बन रहे हैं संयोग?
द एपीईसी क्लाइमेट सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक 62 फीसदी संभावना यह है कि देश में दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच में ठंड बढ़ सकती है। इस दौरान बारिश की संभावनां भी पश्चिमी प्रशांत महासाग की ओर से भारत में बढ़ सकती हैं।

किन राज्यों पर पड़ेगा ज्यादा असर?
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर भारत में ज्यादा ठंड पड़ सकती है। उत्तर भारत का तापमान ज्यादा कम हो सकता है। कुछ जगहों पर तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है। 

IMD का इस रिपोर्ट पर क्या कहना है?
जब द एपीईसी की इस रिपोर्ट को लेकर खबरगांव ने भारत मौसम विभाग (IMD) से सवाल किया, तब उन्होंने जवाब दिया, 'अभी ऐसी कोई संभावना नहीं बन रही है। न ही सामान्य की तुलना में ज्यादा ठंड पड़ने वाली है। द एपीईसी की रिपोर्ट, हमारी रिपोर्ट नहीं है, हम इस बारे में कुछ भी नहीं कहेंगे। अगले महीने के मौसम के बारे में हम महीने के अंत में ही बताएंगे। ला नीना प्रभाव के बारे में हम तभी कहेंगे, जब अध्ययन पूरा हो जाएगा। देश के मौसम पर, मौसम विभाग की रिपोर्ट जारी होगी।'

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