• NEW DELHI 09 Oct 2025, (अपडेटेड 09 Oct 2025, 11:12 AM IST)
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं। वह 9 से 16 अक्तूबर तक भारत में रहेंगे।
आमिर खान मुत्ताकी। (Photo Credit: Amir Khan Muttaqi/X)
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं। आमिर खान मुत्तकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत में ही रहेंगे। भारत नए सिरे से तालिबान के साथ कूटनीतिक संबंधों पर जोर दे रहा है। आमिर खान मुत्ताकी और भारतीय प्रतिनिधियों के बीच व्यापार, निर्माण और क्षेत्रीय सुरक्षा पर बातचीत होगी।
आमिर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात कर सकते हैं। तालिबानी विदेश मंत्री का हेल्थ चेक अप भी प्रस्तावित है। उनका वह 7 दिनों तक भारत में रहेंगे। इस दौरे से भारत और अफगानिस्तान में नए शासन के बाद आए गतिरोध दूर हो सकते हैं।
रूस को छोड़कर किसी भी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है। आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे में तालिबान को मान्यता देना शीर्ष एजेंडा है। भारत अभी मान्यता देने से हिचक रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद अफगानिस्तान के साथ संबंध सुधर रहे हैं। काबुल में भारतीय दूतावास के विस्तार और राजदूत नियुक्ति पर भी बात हो सकती है। अगर भारत मान्यता देता है तो परिस्थितियां उनके अनुकूल हो सकती हैं।
क्यों जरूरी है यह बैठक?
अगस्त 2021 में जब अमेरिकी सेनाएं अफगानिस्तान से वापस लौटीं थीं, तालिबानियों ने सरकार बना लिया था। तब तक, तालिबान को आतंकी संगठन माना जाता था। अब भारत सरकार, तालिबान के साथ कई मोर्चों पर बातचीत की पक्षधर है। भारत के कई प्रोजेक्ट तालिबान में हैं, जिन पर सैकड़ों करोड़ रुपयों का निवेश हुआ है। भारत, सत्ताधारी गुट से राजनायिक संबंधों का पक्षधर है।
भारतीय दूतावास पर हो सकती है बातचीत: भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन अफगानिस्तान से बेहतर संबंध चाहता है। काबुल में भारतीय दूतावास के विस्तार का मुद्दा जोर पकड़ सकता है। अरसे से दोनों देशों में दूतावास के विस्तार पर बात हो सकती है।
आतंकवाद और सीमा सुरक्षा: भारत हमेशा अफगानिस्तान से आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की मांग करता है। तालिबान में पनपते आतंक का मुद्दा भी उठ सकता है। भारत क्षेत्रीय सुरक्षा पर जोर दे सकता है।
अफगानिस्तान की त्रासदी पर मदद: भारत ने अफगानिस्तान को 2021 के बाद अरबों रुपये की मदद दी है। राहत सामग्री और रोजमर्रा की चीजें मानवीय मदद के तौर पर भेजीं हैं। तालिबान में गरीबी अपने चरम पर है, भारत आर्थिक मदद भी कर सकता है।
महिलाओं और शिक्षा के अधिकार पर बातचीत: अमीर मुत्ताकी के साथ बातचीत में भारत शिक्षा का भी मुद्दा उठा सकता है। तालिबान में लड़िकयों का भविष्य अधर में है, उन्हें स्कूली शिक्षा से वंचित रखा गया है।
आर्थिक संबंध और व्यापार: भारत अफगानिस्तान को गेहूं, फल और दवाइयां निर्यात करता है। अभी भारत मानवीय मदद के तौर पर अफगानिस्तान को राहत सामग्री भेजता है, व्यापारिक संबंधों पर भी चर्चा हो सकती है।
पाकिस्तान पर चर्चा: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। अफगानिस्तान की भूमिका पाकिस्तान से सुरक्षा के मद्देनजर बेहद अहम है। दक्षिण एशिया में शांति के लिए अफगानिस्तान का सहयोग जरूरी है।