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विपक्ष पर भड़के धनखड़, कहा- किसानों के मुद्दे पर ड्रामा किया जा रहा

राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर हंगामा कर रहे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि घड़ियाली आंसू बहाने से किसानो का भला नहीं होगा।

Jagdeep Dhankhar : PTI

जगदीप धनखड़ । पीटीआई

राज्यसभा में बुधवार को उस वक्त विपक्ष की तरफ से नारेबाज़ी शुरू हो गई जब सभापति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे, चक्रवात फेंगल, अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और संभल में हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस स्वीकार नहीं किए।

 

इस पर धनखड़ ने कहा कि विपक्ष सिर्फ मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है और ड्रामा कर रहा है। 'घड़ियाली आंसू बहाने' से किसानों का हित नहीं होगा।

 

हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों से उन्होंने कहा कि नारेबाजी और घड़ियाली आंसुओं बहाने से किसानों का हित नहीं होगा। आप इसका समाधान नहीं चाहते हैं।

 

विपक्ष को उन्होंने कहा कि किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता हैं। पिछले सप्ताह सदन में हंगामें के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और अफसोस है कि उस दौरान एक भी नोटिस किसानों के मुद्दे पर नहीं दिया गया था।

 

विपक्ष ने किया वॉकआउट

इसके बाद कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने एमएसपी बढ़ाने और कथित किसान विरोधी नीतियों का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। कहा जा रहा है कि धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिन के सूचीबद्ध कामकाज को निलंबति करने की मांग करने वाले नोटिस को अस्वीकार कर दिया था। 

 

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है और इस वजह से किसानों को फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है।

 

प्रमोद तिवारी ने उठाया मुद्दा

धनखड़ ने कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी को बोलने की अनुमति दी, लेकिन जब उन्होंने कहा कि सरकार से 700 किसानों की मौत के बारे में सवाल पूछे जाने चाहिए, तो उन्होंने उनकी बात बीच में ही काट दी। तिवारी ने कहा, "किसानों पर लाठियां बरसाई गईं, एमएसपी का सरकार का वादा पूरा नहीं किया गया। कृपया सरकार को अपने वादे पूरे करने का निर्देश दें।"



उनको रोकने के बाद धनखड़ ने कहा, 'भविष्य के लिए मैं ध्यान रखूंगा कि आपका आश्वासन एक चाल थी और इसकी सराहना नहीं की जा सकती। मैं आपको इस आधार पर अनुमति दी थी कि आप मर्यादा और अनुशासन का ध्यान रखेंगे।'

 

बाद में नितिन गडकरी, जयंत चौधरी सहित कई अन्य मंत्रियों ने सवालों के जवाब दिए।

 

कृषि मंत्री से भी पूछा था सवाल

हालांकि उपराष्ट्रपति ने किसानों को लेकर अपनी सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान सवाल पूछा कि क्या किसानों से जो लिखित वादे किए गए थे उन्हें पूरा किया गया।

 

उन्होंने कहा था, 'कृषि मंत्री जी, एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताएं , क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया, वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?

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