अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वीजा में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वीजा में देरी कारोबार, पर्यटन और बाकी रिश्तों को प्रभावित करती है।
क्या बोले जयशंकर?
मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा, 'जब नियमों और प्रक्रियाओं की बात आई तो मैंने वीजा में देरी की चिंता का मुद्दा भी उठाया। अगर लोगों को वीजा हासिल करने में 400 दिन लगेंगे तो रिश्ते प्रभावित होंगे।'
जयशंकर ने कहा, 'वीजा में देरी का कारोबार पर बड़ा असर पड़ता है। इससे पर्यटन प्रभावित होता है। और तो और इससे लोगों से लोगों की बातचीत भी बाधित होती है, जो हमारे रिश्तों की नींव है।'
फ्रंट रो में सीट मिलने पर क्या बोले जयशंकर?
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस समारोह में भारत की तरफ से जयशंकर पहुंचे थे। उन्हें पहले पंक्ति में सीट दी गई थी। इससे जुड़े सवाल पर जयशंकर ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया जाता है।'
तीन दिन की यात्रा पर अमेरिका पहुंचे जयशंकर ने ट्रंप सरकार के कई मंत्रियों और हस्तियों के साथ मुलाकात की। विदेश मंत्री मार्को रुबियो के अलावा उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ भी बैठक की। उन्होंने QUAD की बैठक में भी हिस्सा लिया।
वीजा में देरी का मुद्दा क्यों उठा?
रुबियो के साथ मुलाकात में जयशंकर ने वीजा में देरी का मुद्दा इसलिए उठाया, क्योंकि अक्सर वीजा मिलने में कई महीनों का वक्त लग जाता है। विजिटर वीजा मिलने में 400 से ज्यादा दिन लग जाते हैं। मुंबई में 438 दिन, चेन्नई में 479 दिन, दिल्ली में 441 दिन, कोलकाता में 436 दिन और हैदराबाद में 429 दिन का वेटिंग पीरियड होता है। स्टूडेंट वीजा में भी वेटिंग पीरियड बहुत लंबा है। मुंबई में 193, चेन्नई में 106, दिल्ली में 150, कोलकाता में 143 और हैदराबाद में 115 दिन का वेटिंग पीरियड है।