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दिल्ली पहुंचे चीनी विदेश मंत्री, जयशंकर बोले- मतभेद विवाद में न बदलें

चीन के विदेश मंत्री वांग यी अपने दो दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुंच गए। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात की।

S Jaishanka Wang Yi

एस जयशंकर और वांग यी। Photo Credit (@DrSJaishankar)

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी अपने दो दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुंच गए। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात की। मुलाकात के के दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए।

 

बैठक में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता हैमैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान का इंतजार कर रहा हूंकुल मिलाकर, हमारी आशा है कि हमारी चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी, जो हमारे हितों को पूरा करेंगी और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा।'

 

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जयशंकर का बयान

जयशंकर ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच बैठकों में स्वाभाविक रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा शामिल होती हैउन्होंने कहा, 'हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें एक बहुध्रुवीय एशिया भी शामिल हो।'

 

अजीत डोभाल से होगी मुलाकात

चीनी विदेश मंत्री वांग अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी बैठक करेंगे। इस बैठक में दोनों सीमा मुद्दे को लेकर बातचीत करेंगे। वांग यी की यह भारत यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है।

 

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विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया के ज्वाइंट सेक्रेटरी गौरांगलाल दास ने दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर वांग यी का स्वागत किया। बता दें कि चीने विदेश मंत्री मुख्य रूप से सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (SR) की अगली दौर की बातचीत के लिए भारत की यात्रा पर आए हैं। 

गलवान संघर्ष के बाद आया था तनाव

वांग और डोभाल को सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि के तौर पर नामित किया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर जल्द ही वांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। साल 2020 में गलवान घाटी में घातक संघर्ष के बाद भारत-चीन के रिश्तों में गंभीर तनाव आ गया था। इसके मद्देनजर चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को मोटे तौर पर दोनों पड़ोसी देशों द्वारा संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए जारी प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।

वांग की यात्रा क्यों जरूरी?

चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है।

 

वांग और एनएसए डोभाल मंगलवार सुबह 11 बजे सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता के नए संस्करण के तहत वार्ता करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग मंगलवार शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे।

 


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