जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में एक बार फिर आंतकियों ने ग्रेनेड से हमला किया है। राजधानी में हुए इस हमले में कम से कम 9 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। घायलों को श्री महाराजा हरि सिंह हॉस्पिटल (SMHS) में भर्ती कराया गया है। यह धमाका श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के पास संडे मार्केट में हुआ है। धमाके की वजह से चारो तरफ भगदड़ जैसे हालात पैदा हो गए।
SMHS हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने कहा है कि घायलों में 8 पुरुष और 1 महिला है, जिनका इलाज चल रहा है। सभी की हालत स्थिर है। पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। जैसे ही धमाके की सूचना मिली, घटनास्थल पर निगरानी बढ़ा दी गई है। जगह-जगह सर्च आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, 'बीते कुछ दिनों से घाटी के कई हिस्सों में मुठभेड़ और हमले की खबरें सुर्खियों में हैं। श्रीनगर के संडे मार्केट में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड अटैक की खबर बेहद परेशान करने वाली है। निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई मतलब नहीं हो सकता है। सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द ऐसे हमलों को ऐसे हमलों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करना चाहिए, जिससे वे निडर जिंदगी जी सकें।'
श्रीनगर में लश्कर-ए-तैयबा के एक कुख्यात आतंकी को पुलिस ने एक दिन पहले ही ढेर किया था। IGP वीके बिरदी ने ANI से बातचीत में कहा था, 'सुरक्षाबलों ने उस्मान नाम के एक आतंकी को ढेर कर दिया है। 4 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। उस्मान विदेशी आतंकी है और वह इंस्पेक्टर मसरूर की हत्या में शामिल था।' उस्मान सज्जाद गुल का करीबी था और उसके इशारे पर कई कुख्यात वारदातों को अंजाम दे चका है। सज्जाद गुल द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) का कमांडर है। यह लश्कर का ही सहयोगी संगठन माना जाता है।
शनिवार को हुए थे दो अलग-अलग एनकाउंटर
जम्मू और कश्मीर में शनिवार को दो अलग-अलग एनकाउंटर हुए। एक एनकाउंटर श्रीनगर में हुआ, दूसरा एनकाउंटर अनंतनाग के हलकान गली में हुआ। लश्कर कमांडर उस्मान श्रीनगर में मारा गया, वहीं एक आतंकी अनंतनाग में मारा गया था। 2 साल में पहली बार श्रीनगर में एनकाउंटर हुआ है। आखिरी बार सितंबर 2022 के नौगाम में एकनाउंटर हुआ था। गजवत उल हिंद के दो आतंकी मारे गए थे।
क्या अब भी है आतंकियों से बातचीत की जरूरत?
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक दिन पहले ही शनिवार को कहा था कि आतंकियों के साथ बातचीत करने की जरूरत है, उन्हें मारने की जरूरत नहीं है। उन्हीं की पार्टी की सरकार जम्मू और कश्मीर में है। अब देखने वाली बात ये है कि क्या सरकार और सुरक्षाबलों का स्थानीय स्तर पर आतंकियों के खिलाफ रवैया क्या होता है।