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'शॉर्ट सर्किट से लगी थी वॉर्ड में आग'; क्या कहती है पुलिस की रिपोर्ट

झांसी मेडिकल कॉलेज के चिल्‍ड्रन वॉर्ड (NICU) में हुई घटना पर दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है।

Fire in Jhansi NICU caused by electrical short circuit

झांसी अग्निकांड, Image Credit: PTI

उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा (NISU) वॉर्ड में शुक्रवार को आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कुछ बच्चे घायल भी हो गए थे। इसके बाद शासन ने इस पर त्रि-स्तरीय जांच कराने का आदेश दिया था। एक मजिस्ट्रेट से, एक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा और एक पुलिस के द्वारा। अब पुलिस ने इस घटना पर पुलिस की दो सदस्यीय समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आग स्विचबोर्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, जो वहां मौजूद प्लास्टिक से पूरे वार्ड में फैल गई। 

शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग

इस रिपोर्ट को झांसी कमिश्नर विपुल दुबे और डीआईजी कलानिधि नैथानी की अगुआई वाली टीम ने तैयार किया है। इसमें बताया गया है कि वॉर्ड में लगी आग का किसी आपराधिक साजिश या गड़बड़ी से संबंध नहीं है। इंडिया टुडे में छपी एक खबर के मुताबिक रिपोर्ट कहा गया है कि जांच में पाया गया है कि घटना के समय एनआईसीयू वॉर्ड में 6 नर्स, अन्य स्टाफ सदस्य और 2 महिला डॉक्टर ड्यूटी पर थीं। आग स्विचबोर्ड में चिंगारी की वजह से लगी जो धीरे-धीरे वहां मौजूद मशीनों की प्लास्टिक कवरिंग को जलाने लगी और पूरे वॉर्ड में फैल गई।

नर्स ने की थी आग बुझाने की कोशिश

ड्यूटी पर मौजूद एक नर्स ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उसके पैर और कपड़े जल गए। इंडिया टुडे के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि जैसे ही आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ओर बढ़ने लगी, स्टाफ ने अलार्म बजाया। पैरामेडिकल स्टाफ के एक सदस्य और उसके बाद दो अन्य कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने के लिए अग्निशामक यंत्रों का इस्तेमाल किया, लेकिन तब तक आग काफी बढ़ चुकी थी। इसके बाद अलर्ट मिलने के आठ मिनट के भीतर ही दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए।


सूत्रों के मुताबिक, एनआईसीयू में बिजली के अत्यधिक लोड होने के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ होगा। जांच रिपोर्ट से यह पता चलने की उम्मीद है कि वॉर्ड में मशीनों पर अत्यधिक लोड था या नहीं।

NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान, नोटिस जारी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने घटना को गंभीरता से लिया है और रिपोर्ट को 'परेशान करने वाला बताया'। NHRC ने इसे अधिकारियों की लापरवाही भी बताया। एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और घायलों को दिए गए मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी मांगी है। 

 

एनएचआरसी ने मृतकों के परिवारों को दिए गए मुआवजे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं, इस बारे में भी जानकारी मांगी है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि यह घटना मानवाधिकारों का 'गंभीर उल्लंघन' है। उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना की विस्तृत जांच करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।

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