दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि रजिस्टर्ड 'कांवड़' कमेटी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी कि डीबीटी के तहत लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार उन्हें 1200 यूनिट फ्री बिजली देगी। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि वर्षों से कांवड़ियों को सेवा देने के नाम पर इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। तमाम टेंडर दिए जाते थे और दिल्ली के दो-तीन लोग ही यह टेंडर उठा लेते थे और काम ठीक से नहीं किया जाता था। यानी कि सरकार खर्च करती थी 500 रुपये और नीचे 100 रुपये का भी लाभ नहीं पहुंचता था, जनता तक यह लाभ नहीं पहुंचता था।
कांवड़ियों के हवाले से उन्होंने बताया, 'अंतिम दिन तक भी टेंट लग नहीं पाता था। वॉटरप्रूफिंग टेंट लगने में टाइम लगता था। इस पूरे प्रोसेस में कांवड़ समितियां इतनी परेशान हो जाती थीं कि सरकार द्वारा कांवड़ के लिए दी गई सहायता भी शून्य हो जाती थी। डीबीटी का मतलब है कि उन्हें डायरेक्ट पैसा जाएगा किसी ठेकेदार की जरूरत नहीं होगी। रजिस्टर्ड संस्थाएं अप्लाई करेंगी तो सिंगल विंडो सिस्टम के तहत डीएम ऑफिस अनुमति मिल जाएगी और पूरा का पूरा पैसा वहीं से संस्था को चला जाएगा। यह सारी प्रक्रिया 72 घंटे के अंदर करनी होगी।'
यह भी पढ़ेंः दिल्ली CM को मिली जान से मारने की धमकी, पकड़ा गया आरोपी
सालों तक पेंडिंग होती थी बिलिंग
उन्होंने कहा, 'पहले जो बिलिंग होती थी वह सालों तक पेंडिंग रहती थी, अफसर बदल गया, लोग बदल गए, सरकारें बदल गईं, इसलिए वेंडर जो भी कहेगा उसे वह मिल जाता है। लेकिन यह सारी व्यवस्था हमारी सरकार ने खत्म किया है।'
इसके लिए चार कैटेगरी बनाई गई है, जिसमें कम से कम 50 हजार रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये दी जाएगी जो कि टेंटिंग एरिया के ऊपर और कितने दिन वह संस्था अपना कैंप लगाती है उसके ऊपर निर्भर करेगा।
50 पर्सेंट पेमेंट पहले दिया जाएगा
सरकार समितियों को 50 प्रतिशत पेमेंट पहले देगी और 50 प्रतिशत पेमेंट बाद में दिया जाएगी। सीएम ने कहा, 'तीन महीने के अंदर यह सारी प्रक्रिया खत्म करनी होगी। काम कराने के बाद संस्था को सारे बिल जमा कराने होंगे और सरकार तीन महीने के भीतर पेमेंट करके क्लियर कर देगी।' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि डीएम और एसडीएम कैंपों में जाकर इस बात को देखेंगे को जो पैसा दिया गया है उसका सही से सदुपयोग हुआ या नहीं और अगर यह पाया जाता है कि किसी भी तरह की अनियमितता की गई है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी होगी शुरू
जो समितियां रजिस्टर्ड नहीं हैं उनके रजिस्ट्रेशन का काम सरकार शुरू करेगी। इसके लिए समितियों को अप्लाई करने के बाद 30 जुलाई तक सारे कागजात जमा कराने होंगे। सभी डीएम और एसडीएम को सरकार के द्वारा निर्देश इस काम को संपन्न करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार एक समिति बनाएगी जिसका नाम मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति होगा। इस समिति का इंचार्ज संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा को बनाया गया है। इनके साथ चार विधायक मिलकर अप्लाई करने वाली समितियों को दिए जाने वाले पैसे की उच्चतम सीमा यानी कि अपर लिमिट तय करेंगे।
यह भी पढ़ेंः सिविल लाइंस के सरकारी बंगले में रहेंगी दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता
बिजली फ्री दी जाएगी
कांवड़ समितियों को फ्री बिजली दी जाएगी जिसकी अपर लिमिट 1200 यूनिट रहेगी। पिछली बार बड़े से बड़े कैंप का भी खर्च 1000 यूनिट से ज्यादा नहीं आई, इसलिए 1200 यूनिट अपर लिमिट तय की गई है।
ट्रैफिक जाम को लेकर भी फैसला
ट्रैफिक जाम को लेकर भी फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों से बात करके इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि न तो कांवड़ियों को दिक्कत आए और न ही कांवड़ियों की वजह से आम पब्लिक को दिक्कत आए। इसके लिए सिविल डिफेंस और होमगार्ड के वॉलंटियर्स कैंपों में जाकर अपनी सेवाएं देंगे।