कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भ्रष्टाचार के आरोप में चौतरफा घिर गए हैं। मामला 3.14 एकड़ की एक जमीन को लेकर है जो उनकी पत्नी पार्वती के नाम पर है। अब घोटाले में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सिद्धारमैया बुधवार (6 नवंबर) को मैसूर में लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश होंगे। भाजपा भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री पर लगातार हमला कर रही। बीजेपी ने सीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। अब सवाल है कि आखिर ये जमीन का मामला MUDA स्कैम है क्या और जांच के घेरे में सीएम यहां तक कैसे पहुंच गए?
MUDA क्या है?
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) विकास कार्यों के लिए एक अथॉरिटी स्वायत्त संस्था है। यह मैसूर शहर के जमीनों के अधिग्रहण और आवंटन का कार्य देखती है।
क्या है आरोप?
मैसूर लोकायुक्त ने आधिकारिक तौर पर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि MUDA ने मैसूर शहर में एक प्रमुख स्थान पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को अवैध रूप से 56 करोड़ रुपये की 14 साइटें आवंटित कीं। सूचना की अधिकारी कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की ओर से रिट याचिका दायर किया गया था। याचिका में यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इन सभी को भेजा गया नोटिस
जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने सीएम की पत्नी, उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी समेत राज्य सरकार और लोकायुक्त को एक नोटिस जारी किया है। साथ ही लोकायुक्त को मामले मेंं अब तक की हुई जांच की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। वहीं, लोकायुक्त पुलिस ने सीएम को 6 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें कि लोकायुक्त पुलिस की ओर से 27 सितंबर को शिकायत दर्ज की थी।
ED ने की कई जगहों की तलाशी
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने MUDA से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में मैंगलोर, बेंगलुरु, मांड्या और मैसूर में आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाने के एक हफ्ते के भीतर की गई। कर्मचारियों को हाई-प्रोफाइल कथित घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया था, जो बेंगलुरु में ईडी ऑफिस में होगी।
सीएम ने किया आरोपों का खंडन
सिद्धारमैया ने लगातार आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। ईडी ने सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। इससे कर्नाटक के मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।