खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में एक नया मोड़ आया है। किसानों ने आंदोलन की आगे की दिशा को तय करने के लिए महापंचायत करने का फैसला किया है। यह महापंचायत किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की खराब होती हालत के मद्देनजर लिया जाएगा।
किसान नेता काका सिंह कोटरा ने मीडिया को बताया, '4 जनवरी को खनौरी में हम लोग एक बड़ी किसान पंचायत का आयोजन करेंगे जिसमें तमाम राज्यों के किसान भागीदारी करेंगे।'
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघ मोर्चा दो किसान संगठन हैं जिन्होंने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया था।
गिरता जा रहा डल्लेवाल का स्वास्थ्य
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब किसानों का आंदोलन जारी है और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का स्वास्थ्य गिरता जा रहा है। डल्लेवाल 26 नवंबर से ही आमरण अनशन पर हैं।
यह आह्वान ऐसे वक्त में किया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने 70 साल के डल्लेवाल की गिरती हालत के बावजूद उन्हें अस्पताल में भर्ती न कराने के लिए पंजाब सरकार को फटकार लगाई है।
अदालत ने लगाई फटकार
अदालत के हस्तक्षेप के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था, क्योंकि इसके बाद पंजाब सरकार पर काफी दबाव है।
शनिवार को जहां एक तरफ पंजाब सरकार को अदालत ने फटकार लगाई वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि हो सकता है कि दूसरे किसानों ने उन्हें अस्पताल न ले जाने दिया हो।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक वीडियो मैसेज में डल्लेवाल ने कहा था, 'मैं अनशन पर बैठा हूं। कोर्ट में यह किसने बताया और गलत धारणा किसने फैलाई कि मुझे बंधक बनाया गया है, यह बात कहां से आई।'
33 दिनों से कर रहे अनशन
किसान नेता काका सिंह कोटरा ने कहा कि डल्लेवाल की भूख हड़ताल शनिवार को 33वें दिन में पहुंच चुकी है। डल्लेवाल ने इससे पहले कहा था कि तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे जब तक कि किसानों की मांगे मान नहीं ली जातीं।
एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर डल्लेवाल 26 नवंबर से ही खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
शनिवार को एक सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत और सुधांशु धुलिया की पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को 31 दिसंबर तक का वक्त दिया ताकि वह उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए मना सके।
पंजाब सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा था कि उसे किसानों से काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिन्होंने उन्हें चारों तरफ से घेर रखा है।