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5 काल्पनिक देश, करेंसी-झंडा अपना; फिर भी कोई मानता नहीं

दुनिया के उन पांच कथित देशों की कहानी, जिनके पास अपनी मुद्रा, नागरिक, संसद और सेना भी है, लेकिन मान्यता नहीं। किसी में एक तो किसी में 38 लोगों की आबादी है।

Five fictional countries of the world

दुनिया के पांच काल्पनिक देश। ( सांकेतिक फोटो)

आपने कभी वेस्ट आर्कटिका, सबोर्गा, पोल्विया और लाडोनिया देशों के बारे में सुना है। शायद बिल्कुल नहीं है। दरअसल यह सभी फर्जी देश हैं। न ये तो इनका कोई अस्तित्व है और न ही कोई मान्यता। मगर इन देशों का दूतावास उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मिला तो सभी लोग हैरत में पड़ गए। किराये के मकान पर यह फर्जी दूतावास चलाया जा रहा था। पुलिस को राजनयिक नंबर प्लेट वाली चार लग्जरी गाड़ियां भी मिली हैं। 47 वर्षीय हर्षवर्धन जैन ने खुद को वेस्टार्कटिका का राजदूत बताया। अब हर्षवर्धन पुलिस की गिरफ्त में है। आज बात दुनियभार के ऐसे ही कुछ रोचक देशों की, जिन्हें न तो किसी देश ने और न ही संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता नहीं दी है। मगर वह खुद को एक देश के तौर पर पेश करते हैं।

 

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लाडोनिया

दक्षिणी स्वीडन के कुल्लाबर्ग नेचर रिजर्व के पास लाडोनिया बसा है। यहां कोई सड़क नहीं है। नहीं ही सरकार और न ही कोई नागरिक। यह एक स्वघोषित देश है। मगर दुनियाभर में उसके 30 हजार से अधिक नागरिक बसे हैं। देश में कोई टैक्स व्यवस्था नहीं है। पासपोर्ट और कानूनी भी नहीं है। इस कथित देश की वेबसाइट से माध्यम से कोई भी व्यक्ति नागरिकता ले सकता है। अगर आपको यहां जानता है तो समुद्र,जंगलों और ऊबड़-खबड़ रास्तों से जाना होगा। यहां 75 टन की लकड़ी से बनी मूर्ति है। 1996 में कलाकार लार्स विल्क्स ने इसकी स्थापना की थी। मगर इस देश कोई कानूनी मान्यता नहीं है।

 

मोलोसिया

अमेरिका के नेवादा में मोलोसिया नाम का देश है। महज 11 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस देश की आबादी सिर्फ 38 लोगों की है। 1977 में इसकी स्थापना हुई। पहले ग्रैंड रिपब्लिक ऑफ गोल्डस्टीन नाम दिया गया। बाद में मोलोसिया नाम रखा गया। यह नाम हवाईयन शब्द मालुहिया से लिया गया है, जिसका अर्थ शांति और सद्भाव होता है। 38 नागरिकों में सिर्फ तीन लोग और तीन कुत्ते ही मोलोसिया में रहते हैं। बाकी लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं। केविन बॉघ यहां के राष्ट्रपति हैं। इस देश के पास अपनी नौसेना, डाक सेवा, बैंक, पर्यटन स्थल, रेलमार्ग, थिएटर और रेडिया सेवा है। मोलोसिया के पास खुद की मुद्दा, झंडा और पासपोर्ट भी है। इस देश की एक वेबसाइट भी है। मगर अभी तक इसे किसी देश ने मान्यता नहीं दी है।

सीलैंड

ब्रिटेन के पूर्वी तट से 7 मील दूर स्थित एक सैन्य किला है। इसे सीलैंड के नाम से जाना जाता है। 1967 में इस कथित देश की स्थापना हुई। खुद की वेबसाइट है। दुनियाभर के लोगों को ई-नागरिकता देता है। सीलैंड में अपना संविधान, मुद्रा, सरकार, पासपोर्ट और जनसंख्या है। यहां बेट्स परिवार का शासन है। 25 सितम्बर 1975 को प्रिंस रॉय ने सीलैंड रियासत के संविधान की घोषणा की। सीलैंड के पास राष्ट्रगान, डाक टिकट, सोने चांदी के सिक्के भी हैं। दो टेनिस कोर्ट के बराबर इस देश का क्षेत्रफल है। यहां सिर्फ एक नागरिक है। 

फ्री रिपब्लिक ऑफ लिबरलैंड

फ्री रिपब्लिक ऑफ लिबरलैंड की स्थापना 2015 में विट जेडलिका ने की। यह देश क्रोएशिया और सर्बिया के बीच बसा है। अपनी मुद्रा, खुद का संविधान है। अपनी वेबसाइट में इसने खुद को स्वतंत्र और संप्रभु देश बता रखा है। वेबसाइट के मुताबिक दुनियाभर में उसके 77 प्रतिनिधि कार्यालय हैं। भारत में इस देश ने सैयद अलगाजी नाम के शख्स को तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और हैदराबाद में अपना प्रतिनिधि बना रखा है। वेबसाइट में दावा किया गया है कि सैयद अलगाजी हैदराबाद में लिबरलैंड के मानद वाणिज्य दूतावास को भी संभालते हैं। 

इसकी कुल जनसंख्या 1161 है।

 

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असगार्डिया

असगार्डिया की स्थापना साल 2016 में हुई। इसकी वेबसाइट के मुताबिक यह दुनिया का पहला डिजिटल देश है। इसकी कुल जनसंख्या 1122057 है। यह देश दुनियाभर के लोगों को डिजिटल नागरिकता ऑफर करता है। यहां सिर्फ डिजिटल मुद्रा चलती है। खुद का संविधान, संसद और चुनाव की प्रणाली है। देश के नागरिकों को चुनाव में हिस्सा लेने की आजादी है। इस देश की जनसंख्या 150 मिलियन से अधिक नहीं होगी। इसे वैश्विक जनसंख्या का सिर्फ 2 फीसदी तक सीमित रखा गया है। डॉ. इगोर अशुरबेली इस देश के प्रमुख हैं। 

 

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