आमतौर पर बेहद शांत इलाकों में गिने जाने वाला लद्दाख में भड़की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय अलर्ट पर है। गुरुवार को गृह मंत्रालय ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के NGO को की फॉरेन फंडिंग रोक दी। लद्दाख में हिंसा भड़काने में उनकी भी भूमिका सामने आ रही है। आरोप हैं कि उन्होंने पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग की, जिसकी वजह से केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा भड़की और 4 लोगों की मौत हो गई, 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
लद्दाख में अब हालात सामान्य हो रहे है। केंद्र शासित प्रदेश में सख्ती बढ़ा दी गई है। 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस और पैरा मिलिट्री बलों के जवान वहां तैनात हैं। लेह में कर्फ्यू लगाया है। गृहमंत्रालय ने कहा है कि एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का फॉरेन कंट्रीब्युशन रेग्युलेशन एक्ट (FCRA) लाइंसेस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
गृहमंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि SECMOL को 4.93 लाख रुपये साल 2021-2022 में स्वीडन में रह रहे एक विदेशी शख्स से दान में मिले। उसने शैक्षणिक कार्यों पर इसे खर्च करने के लिए दिया था। प्रवास, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर आगाह करने के लिए यह धन मुहैया कराया गया था।
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मंत्रालय ने कहा, 'विदेशी धन, शिक्षा की स्वायत्तता और संप्रभुता के लिए स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। यह देश के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।'
सोनम वांगचुक ने इस आदेश पर क्या कहा है?
सोनम वांगचुक ने कहा है कि यह फैसला गलत है, लद्दाख के लोगों में गुस्सा था, इसलिए लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि वे दूसरों को बलि का बकरा बनामे में होशियार हों लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं। आज के वक्त में हमें बुद्धिमत्ता की जरूरत है न कि चालाकी की। युवा पहले से बहुत हताश हैं। मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं।'
कैसे जल उठा लद्दाख?
लद्दाख में बुधवार को 4 लोगों की हिंसा में मौत हो गई, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लेह में प्रदर्शन चल रहा था। प्रदर्शन में युवा शामिल थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सैकड़ों लोग अचानक इकट्ठा हो गए और पथराव करने लगे। बीजेपी दफ्तर को तोड़ दिया गया। पुलिस ने युवाओं को बिखेरने के लिए लाठी चार्ज किया। सोनम वांगचुक ने कहा है कि पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए घातक हथियारों का इस्तेमाल किया था।
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केंद्र सरकार ने हिंसा पर क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिंसा की शुरुआत 11.30 बजे बुधवार को हुई, 4 बजे तक स्थितियां नियंत्रण में आ गईं थीं। मंत्रालय की ओर से कहा गया, 'यह साफ था कि हिंसा सोनम वांगचुक के उकसावे वाले बयानों के बाद ही भड़की।' लेह के अलावा कहीं भी हिंसा नहीं भड़की है। स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस ने 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। 19 लोगों को अस्पातल में अभी तक भर्ती किया गया है।
अब आगे क्या?
CBI अब फॉरेन फंडिंग की जांच करेगी। सोनम वांगचुक के एनजीओ की अब जांच की जाएगी। सोनम वांगचुक को सीबीआई के सामने पेश होना होगा। जांच एजेंसी ने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) और SECMOL की छानबीन कर रही है। लद्दाख में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।