केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा देने और उसे छठीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर उठी मांग बुधवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन में बदल गया। खबरों के मुताबिक इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 70 लोग घायल हो गए। इस दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। इस दौरान उग्र भीड़ ने बीजेपी के ऑफिस में आग लगा दी और कुछ वाहनों में आग लगा दिया।
इस दौरान बीजेपी ने आरोप लगाया है कि लेह में की गई हिंसा में कांग्रेस का हाथ है। बीजेपी ने इसके लिए कांग्रेस काउंसिलर फुंटसॉन्ग स्टैन्जिन सेपाग का नाम लिया है। बीजेपी ने एक्स पर सोनम वांगचुक का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि सीधेसीधे कितना असर है इसका नहीं पता लेकिन कई लोग अस्पताल पहुंचे जिसमें एक कांग्रेस के काउंसिलर भी वहां थे। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे नहीं लगता कि लद्दाख में कांग्रेस की इतनी पकड़ है कि 5 हजार यूथ बाहर आ जाएं।
क्या हैं मांगे?
प्रदर्शनकारियों की सरकार से चार मांगें हैं।
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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा।
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छठीं अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा।
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कारगिल और लेह अलग लोकसभा सीट
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सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों की भर्ती।
हालांकि, सरकार ने इन मांगों को लेकर दिल्ली में 6 अक्तूबर को लेह के प्रतिनिधियों को बैठक बुलाई है। साल 2019 में जब जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया गया तब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। हालांकि, सरकार ने उस समय आश्वासन दिया था कि राज्य के हालात जब सामान्य हो जाएंगे तब उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।