logo

ट्रेंडिंग:

पाकिस्तान ने शांति का जवाब शत्रुता से दिया, पॉडकास्ट में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संघ को लेकर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है।

lex fridman modi podcast

नरेन्द्र मोदी और लेक्स फ्रीडमैन। Photo Credit- (@narendramodi/ X)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में तमाम मुद्दों पर बातचीत की। इस पॉडकास्ट में पीएम ने पाकिस्तान को लेकर कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया और उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा। 

 

उन्होंने कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी वही सिखाता है।

 

शपथ ग्रहण में पाकिस्तान को आमंत्रित किया

 

उन्होंने कहा, 'मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला। हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा।' मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं।

 

यह भी पढ़ें: BJP ने यूपी में 68 जिलों के जिलाध्यक्ष घोषित किए, पूरी लिस्ट

 

'जिसने मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया, उनको जवाब था' 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का उनका पहला प्रयास सद्भावना का संकेत था। उन्होंने कहा, 'यह कूटनीतिक कदम था, जो दशकों में नहीं देखा गया। जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने दक्षेस देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है।'

 

भारत की विदेश नीति स्पष्ट और आश्वस्त हुई

 

मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है।  उन्होंने कहा, 'इसने दुनिया को शांति और सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजा, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले।' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है, तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है।

 

मेरी ताकत 1.4 अरब भारतीयों में- मोदी

 

उन्होंने कहा कि उनकी ताकत उनके नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और देश की शाश्वत संस्कृति एवं विरासत के समर्थन में निहित है। आरएसएस के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने ऐसे सम्मानित संगठन से जीवन के सार और मूल्यों को सीखा। उन्होंने कहा, मुझे जीवन का उद्देश्य मिला। उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था।

 

आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं

 

पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे आरएसएस ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है। आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है।'

 

उन्होंने कहा कि मेरा बचपन बेहद गरीबी में बीता, मैंने स्कूल में इस्तेमाल किया हुआ चॉक इकट्ठा किया और अपने सफेद जूते चमकाने के लिए इसका उपयोग किया। साथ ही कहा कि मैं आलोचना का स्वागत करता हूं, मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह लोकतंत्र की आत्मा है।

Related Topic:##Narendra Modi

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap