मालेगांव ब्लास्ट में बरी होने के बाद श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को 17 साल बाद प्रमोशन मिला है। सेना ने उन्हें प्रमोट कर कर्नल बना दिया है। 31 जुलाई को मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने कर्नल पुरोहित समेत केस में शामिल सभी आरोपियों को मालेगांव बम ब्लास्ट केस से बरी कर दिया था। इस बम धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी, वही 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
कर्नल पुरोहित ने कहा था कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया था। उन्हें 9 साल तक जेल में रहना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कहा था कि वह साजिश का शिकार हुए हैं, साजिश के तहत उन्हें फंसा दिया गया है। साल 1994 में प्रसाद पुरोहित मराठा लाइट इन्फेंटरी में शामिल हुए थे।
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कोर्ट ने क्या कहा था?
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि सिर्फ शक सबूत नहीं हो सकता और पुख्ता सबूतों के अभाव में उन्हें बरी किया गया। यह ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुआ था। एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक से 6 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए थे।
जब चौतरफा निशाने पर आए थे प्रसाद पुरोहित
प्रसाद पुरोहित का मामला विवादास्पद रहा है। यह यह पहली बार था जब एक मौजूदा भारतीय सेना अधिकारी को आतंकी मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह वही दौर था, जब लोगों ने 'भगवा आतंकवाद' और 'हिंदू आतंकवाद' जैसे नारे गढ़े थे। प्रसाद पुरोहित ने दावा किया था कि यह शब्द एनसीपी के तत्कालीन अध्यक्ष शरद पवार ने धमाके से एक महीने पहले ही इस्तेमाल किया था।
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अपने ऊपर लगे आरोपों पर कर्नल पुरोहित ने क्या कहा?
कर्नल पुरोहित ने दावा किया था कि एक कहानी रही गई थी। कर्नल पुरोहित ने यह भी कहा था कि योगी आदित्यनाथ और कुछ दक्षिणपंथी नेताओं का नाम लेने के लिए उन पर जोर डाला गया था। कर्नल पुरोहित के बारे में कहा गया कि वह आतंकी संगठनों पर नजदीक से नजर रख रहे थे, जिससे सीनियर अधिकारियों तक उनके मिशन की बात पहुंचाई जा सके। कर्नल पुरोहित के साथ-साथ पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), अजय रहीरकर, सुधार द्विवेदी और समीर कुलकर्णी का नाम भी सामने आया था।
कर्नल पुरोहित कौन हैं?
कर्नल पुरोहित का नाम मालेगांव ब्लास्ट केस में सामने आया था। उनका पूरा नाम श्रीकांत प्रसाद पुरोहित है। उनका नाम दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत से जोड़ा गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने NIA की एक रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि पुरोहित ने हिंदू राष्ट्र के लिए अलहदा संविधान बनाने के साथ एक अलग झंडा बनाया, उन्होंने हिंदुओं पर मुस्लिमों के अत्याचार का बदला लेने की बात कही थी। पुरोहित पर आरोप थे कि वह गुप्त बैठकों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें विस्फोटकों को जुटाने की सहमति दी गई थी।