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'वे थूकेंगे, पेशाब करेंगे', कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर बोले संत

महंत रवींद्र पुरी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें वह साल के अंतिम दिन में मन की बात कार्यक्रम में देश में एकता और भाईचारे का आह्वान किया है।

Maha kumbh 2025

महाकुंभ 2025, Source- PTI

प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 को लेकर यूपी सरकार ने लगभाग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्थाओं से साधु-संत खुश हैं। यहां आने वाले करोड़ों लोगों के लिए अस्थाई दुकानें लगाई जा रही हैं। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि महाकुंभ में गैर-हिंदुओं को दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

महंत रवींद्र पुरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, 'हमने सरकार से कहा है कि गैर-हिंदुओं को चाय, जूस और फूलों की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अगर उन्हें ये दुकानें दी गईं, तो वे यहां थूकेंगे और पेशाब करेंगे। ऐसे में हमारे नागा संतों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।'

पीएम ने भाईचारे का किया आह्वान 

दरअसल, महंत रवींद्र पुरी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें वह साल के अंतिम दिन में मन की बात कार्यक्रम में देश में एकता और भाईचारे का आह्वान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि उन्होंने लोगों से 'समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने' का आग्रह किया था। साथ ही उन्होंने आगामी महाकुंभ मेले को विविधता में एकता का एक अनूठा दृश्य बताया था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को भारत की विविधता का प्रतीक बताया, जहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता और सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता है।

पीएम मोदी ने विविधता पर दिया है जोर

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है। कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग जुटते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है। कहीं कोई भेदभाव नहीं है, कोई बड़ा नहीं है, कोई छोटा नहीं है। विविधता में एकता का ऐसा नजारा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।'

समाज में विभाजन पैदा होगा

वहीं, इससे पहले अखिल भारतीय मुस्लिम जमात ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसमें महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में गैर-हिंदुओं को खाने की चीजें खाद्य पदार्थ की दुकानें लगाने से रोकने का प्रस्ताव था। उनका तर्क है कि इस तरह के कदम से समाज में विभाजन पैदा होगा।

बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ- 2025 13 जनवरीको शुरू होगा होगा। सरकार श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और गंदगी मुक्त वातावरण बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।

 

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