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'महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ हुई...', राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं कि जब महाराष्ट्र में 5 साल में 32 लाख वोटर जुड़े थे तो अगले 5 महीने में 39 लाख वोटर कैसे जुड़ गए?

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी, File Photo Credit: PTI

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए कई महीने बीत गए हैं। महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के तहत चुनाव लड़ी पार्टियों ने सवाल उठाए हैं कि महाराष्ट्र के चुनाव में कई गड़बड़ियां थीं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बीच में 39 लाख वोट कैसे जुड़ गए? उन्होंने आरोप लगाए कि महाराष्ट्र में कुल जनसंख्या से ज्यादा वोटर बना दिए गए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि 5 साल में 32 लाख वोट जोड़े गए थे लेकिन अगले 5 महीने में 39 लाख वोट कैसे जोड़ दिए गए? राहुल गांधी ने मांग की है कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 दोनों की वोटर लिस्ट जारी करे। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि कई सीटों पर जितने वोट जोड़े गए, उतने ही वोटों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों को जीत मिली।

 

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'इस टेबल पर पूरा विपक्ष बैठा है जिसने महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव साथ लड़ा। हम भारत के लोगों के संज्ञान में ऐसी जानकारी लाना चाहते हैं जो हमें महाराष्ट्र चुनाव के बारे में मिली है। हमने इसका अध्ययन किया है। हमने वोटर लिस्ट, वोटिंग पैटर्न को देखा है और हमारी टीम ने इस पर काम करने के बाद यह पाया है कि इस चुनाव में कई गड़बड़ियां हैं। यह जानकारी उनके लिए जरूरी है जो लोकतंत्र को समझते हैं और उसकी रक्षा करना चाहते हैं।' इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत भी मौजूद रहे।

 

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राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए?

 

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष पहले से ही सवाल उठाता रहा है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, 'पहला सवाल है कि 5 साल में 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के इलेक्टोरल रोल में सिर्फ 32 लाख लोगों के नाम जोड़े गए। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2024 के बीच में 39 लाख नए वोटर जोड़ दिए गए। सवाल यह है कि 5 महीने में इतने ज्यादा वोट कैसे जोड़ दिए गए। 39 लाख वोटर की संख्या हिमाचल प्रदेश की कुल वोटर की संख्या के बराबर है।'

 

 

उन्होंने आगे कहा, 'दूसरा प्वाइंट यह है कि महाराष्ट्र में कुल वोटिंग पॉपुलेशन से ज्यादा वोटर कैसे हो गए? सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र की वोट दे सकने वाले लोगों की जनसंख्या 9.54 करोड़ है, चुनाव आयोग के मुताबिक, महाराष्ट्र में लोगों से ज्यादा वोटर हैं। स्पष्ट तौर पर यह एक गड़बड़ी है। तीसरा सवाल है कि इन पार्टियों के लिए वोट करने वाले लोगों की संख्या में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में अंतर नहीं हुआ है। एक उदाहरण है- कमाटी विधानसभा में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में एक जगह पर 1.36 लाख वोट मिले, विधानसभा चुनाव में 1.34 लाख वोट मिले। 35 हजार नए वोटर जोड़े गए। लोकसभा में बीजेपी को 1.9 लाख वोट मिले, विधानसभा चुनाव में 1.75 लाख वोट मिले। जो लोग नए जोड़े गए उन्हीं की बदौलत इनको जीत मिली। ऐसा ही मामला कई विधानसभा सीटों पर हुआ।'

 

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उन्होंने कहा कि ये मूलभूत सवाल हैं। राहुल गांधी ने कहा, 'हम इसे चुनाव आयोग को भेज रहे हैं। हमें वोटर लिस्ट चाहिए, जिसमें महाराष्ट्र के मतदाताओं के नाम, पते और फोटोग्राफ हों। हमें लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों की वोटर लिस्ट चाहिए। हम समझना चाहते हैं कि ये नए वोटर कौन हैं। बहुत सारे वोटर के नाम मिटाए भी गए हैं। ऐसे लोगों के वोट काटे गए जो दलित या अल्पसंख्यक समुदाय से आए हैं। हमने इसको लेकर चुनाव आयोग से सवाल पूछे लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। हम यही कह रहे हैं कि उनके जवाब न देने का मतलब है कि कोई गड़बड़ी जरूर है।'

 

संजय राउत ने क्या कहा?

 

शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने कहा, 'इन लोगों ने नया पैटर्न बना लिया है। अब ये 39 लाख वोटर महाराष्ट्र जाएंगे। ये फ्लोटिंग वोटर हैं। बिहार के बाद यूपी जाएंगे। ऐसे ही ये लोग जीतते हैं। हम लोग तो लड़ते रहेंगे। जनता में जागृति आनी चाहिए। मैं बार-बार चुनाव आयोग से अपील करूंगा कि आप के ऊपर सरकार ने जो कफन डाल दिया है, उसे उठाइए।' वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा, 'सोलापुर जिले से उत्तम जानकर हमारे विधायक चुनकर आए हैं लेकिन अभी भी वह रीइलेक्शन चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें जितने वोट मिले हैं, उससे ज्यादा मिलने चाहिए थे।'

 


बता दें कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना (UBT), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) को कुल 48 में से 30 सीटें मिली थीं और बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन को 17 सीटें मिली थीं। वहीं, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति को 288 में से 233 सीटें मिल गईं। वहीं, लोकसभा चुनाव में 30 सीटें जीतने वाले महा विकास अघाड़ी को सिर्फ 49 सीटों पर ही जीत मिली।

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