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USTM चांसलर महबुबुल हक गिरफ्तार, CM हिमंत ने कई बार उठाए हैं सवाल

महबूबुल हक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह अक्सर हिमंत बिस्व सरमा के निशाने पर रहते हैं। अब किस मुश्किल में फंसे हैं, आइए जानते हैं।

Mahbubul Hoque

USTM के फाउंडर महबूबुल हक। (Photo: X/@chairman_erdf)

यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मेघालय (USTM) के मालिक महबूबुल हक को असम पुलिस ने गुवाहाटी में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कई बार उनकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने महबूबुल हक पर 'बाढ़ जिहाद' का भी आरोप लगाया था।

असम पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी श्रीभूमि जिले में दर्ज एक FIR के सिलसिले में हुई है। शुक्रवार को CBSE बोर्ड की 12वीं क्लास की परीक्षा के दौरान कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी, जिसके बाद केस दर्ज हुआ था। जिस स्कूल में हंगामा हुआ, वह श्रीभूमि जिले के पथरकंडी इलाके में है। स्कूल का नाम सेंट्रल पब्लिक स्कूल है।

असम पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह एजुकेशन एंड रिसर्च डेवलेपमेंट (ERD) फाउंडेशन की ओर से चलाया जाता है। पुलिस ने कहा है कि परीक्षा देने वाले 274 छात्रों में से 214 छात्र USTM की ओर से संचालित एक खास कोचिंग कार्यक्रम विजन 50 में नामांकित थे।

किस मामले में हुए गिरफ्तार?
पुलिस ने कहा है कि छात्रों ने कहा कि उन्हें नकल नहीं करने दिया जा रहा है, इसी वजह से जमकर हंगामा भड़का। छात्रों ने कहा था कि उन्हें परीक्षा में नकल कराया जाएगा लेकिन नहीं कराया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह बड़ा आपराधिक मामला है, जो डरावना है। 

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सीएम हिमंत के निशाने पर क्यों रहते हैं महबूबुल हक?
महबूबुल हक पर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय की ओर से नकली सर्टिफिकेट और डिग्री बांटे जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने इन आरोपों को निराधार बताया।  सीएम हिमंत ने बीते साल अगस्त में महबूबुल पर बाढ़ जिहाद का आरोप लगाया था। हिमंत सरमा ने मेघायल के री-भोई जिले में USTM के कंस्ट्रक्शन को गुवाहाटी में आई बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठराया था। उन्होंने कहा था कि कैंपस बनाने के लिए पहाड़ों और पेड़ों की कटाई को जिम्मेदार ठहराया है।

USTM पर क्यों आता है हिमंत को गुस्सा?
USTM विश्वविद्यालय को एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट फाउंडेशन की ओर से बढ़ावा दिया जाता है। इसकी स्थापना असम के बराक घाटी के करीमगंज जिले के बंगाली मूल के मुस्लिम हक नाम के एक शख्स ने की थी। हक विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं। हेमंत बिस्व सरमा ने विश्वविद्यालय पर अपना हमला तेज कर दिया है।

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इसकी स्थापना शिक्षा अनुसंधान और विकास फ़ाउंडेशन (ERDF) की एक परियोजना के तहत की गई थी। इसे NAAC से 'A' ग्रेड की मान्यता मिली है। विश्वविद्यालय के बड़े मुख्य द्वार के ऊपर तीन गुंबद हैं। हिमंत बिस्व सरमा यहां तक कह चुके हैं, 'वहां जाना शर्मनाक है, आपको मक्का के नीचे जाना होगा। हम जो कह रहे हैं वह यह है कि वहां एक नामघर भी होना चाहिए उन्हें नामघर बनाने दो, चर्च बनाने दो। हम तीनों के नीचे चलेंगे, हम सिर्फ एक के नीचे क्यों चलेंगे।'

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