सुप्रीम कोर्ट में बिना पासपोर्ट के अमेरिका भागने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिस पर जज भी हैरान हैं। शख्स का पासपोर्ट कोर्ट कस्टडी में है, उसके खिलाफ कोर्ट में अवमानना का मामला चल रहा है लेकिन वह देश छोड़कर अमेरिका फरार हो गया है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और प्रशांत कुमार मिश्रा बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को कोर्ट की मदद करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने पूछा है कि बिना पासपोर्ट उसे देश से बाहर भागने कैसे दिया गया। जजों ने हैरानी जताई कि बिना पासपोर्ट के अधिकारियों ने उसे अमेरिका कैसे जाने दिया। क्यों मॉनिटरिंग नहीं हुई।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'हम इस बात से हैरान हैं कि शख्स बिना पासपोर्ट के अमेरिका या किसी दूसरे देश के लिए कैसे जा सकता है, जबकि उसका पासपोर्ट इस कोर्ट की कस्टडी में है। जो भी हो, अब हमारे पास कथित अवमाननाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'
जब कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है, तब ऐसा करने वाले शख्स को अवमाननाकर्ता कहते हैं। कोर्ट के आदेश को न मानने की क्रिया 'अवमानना' कहलाती है। कोर्ट के आदेश बाध्यकारी होते हैं, उन्हें मानना ही होता है।
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किस मामले में चल रहा है केस?
जिस शख्स पर कोर्ट की अवमानना के आरोप हैं, वह अपनी पूर्व पत्नी के साथ बच्चे की कस्टडी को लेकर केस लड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने शख्स को गिरफ्तार करने और उसे कोर्ट में पेश करने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जिस शख्स के के खिलाफ अवमानाना का मुकदमा चल रहा है, उसकी ओर से कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता विकास सिंह पेश हुए हैं। उन्होंने ही कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल विदेश चले गए हैं।
कोर्ट ने कहा, 'हम सॉलिसिटर जनलर से कोर्ट की मदद करने की अपील करते हैं। केएम नटराज इस कोर्ट को बताएंगे कि प्रतिवादी को पासपोर्ट किसने दिया, कोर्ट की इजाजत के बिना उसे देश से बाहर जाने की इजाजत कैसे मिली। उसे भारत से बाहर जाने की इजाजत किसने दी, कौन-कौन अधिकारी शामिल थे, इसके बारे में गृहमंत्रालय की मदद जवाब दी जाए।' कोर्ट इस केस की अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगी।
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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या-क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को कहा था कि अवमानना की कार्यवाही भारत उसकी संपत्ति से संबंधित किसी भी सौदे का और व्यापारिक लेन-देन का निपटारा कोर्ट के आदेश के अधीन ही होगा। सुप्रीम कोर्ट में शख्स की पूर्व पत्नी ने ही याचिका दायर क थी। सुप्रीम कोर्ट पत्नी की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई कर रहा था।
2006 में हुई थी शादी, 2017 में तलाक
पूर्व दंपति की शादी 8 फरवरी 2006 को हुई थी। दोनों अमेरिका गए थे। उनका 10 साल का एक बेटा भी है। शादी के बाद दोनों के बीच बात-बात पर अनबन होने लगी। शख्स ने 12 सितंबर 2017 को अमेरिका के मिशिगन कोर्ट में तलाक की एक अर्जी डाली और तलाक हो गया। पत्नी ने भारत में अलग रह रहे पति के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी। 21 अक्तूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के सामने एक समझौता हुआ था। कोर्ट ने कहा कि पति अपने बच्चे की कस्टडी उसकी पत्नी को सौंपे। बच्चे की उम्र अभी 10 साल है।
बच्चे की कस्टडी पर नहीं माना कोर्ट का आदेश
शख्स ने बच्चे की कस्टडी अपने पास ही रखी। 26 सितंबर, 2022 और 10 नवंबर, 2022 के आदेशों में यह कहा गया कि पूर्व पति कोर्ट में पेश हो। 13 दिसंबर, 2022 को वह पेश हुआ। 17 जनवरी, 2024 को, अदालत ने उसे सभी कार्यवाही में मौजूद रहने के लिए कहा। वह 22 और 29 जनवरी को सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुआ। अब कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।