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'भारत चमकेगा', PM के तौर पर आखिरी भाषण मनमोहन सिंह ने क्या-क्या कहा था

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे। 17 मई 2014 को उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना अंतिम भाषण दिया था।

Manmohan Singh

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (फाइल फोटो-PTI)

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे। 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। गुरुवार रात 9.51 पर उनका निधन हो गया। उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। मनमोहन सिंह ने देश में कई आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सुधार किए थे, जिसकी वजह से लोग उन्हें आज भी याद करते हैं।

डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में साल 2004 में कार्यभार संभाला था। वह साल 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दुनिया उनकी विद्वता की वजह से भी याद करती है। उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों के लिए भी जाना जाता है। उनके वित्तीय सुधारों ने भारत को नई दिशा दी थी। 

पढ़िए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आखिरी भाषण- 


प्यारे देशवासियों,
आज मैं आपको प्रधानमंत्री के रूप में आखिरी बार संबोधित कर रहा हूं। दस साल पहले इस ज़िम्मेदारी को संभालते वक्त मैंने अपनी पूरी मेहनत से काम करने और सच्चाई के रास्ते पर चलने का निश्चय किया था। मेरी ईश्वर से प्रार्थना थी कि मैं हमेशा सही काम करूं।

आज, जब प्रधानमंत्री का पद छोड़ने का वक्त आ गया है, मुझे अहसास है कि ईश्वर के अंतिम निर्णय से पहले, सभी चुने गए प्रतिनिधियों और सरकारों के काम पर जनता की अदालत भी फैसला करती है।

मेरे प्यारे देशवासियों,
आपने जो फैसला दिया है, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। इन लोकसभा चुनावों से हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें मजबूत हुई हैं। जैसा मैंने कई बार कहा है, मेरा सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब है। मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से अपने महान राष्ट्र की सेवा करने की कोशिश की है।

पिछले दस सालों के दौरान हमने बहुत सी सफलताएं और उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर हमें गर्व है। आज हमारा देश हर मायने में दस साल पहले के भारत से कहीं ज्यादा मजबूत है। देश की सफलताओं का श्रेय मैं आप सबको देता हूं लेकिन अभी भी हमारे देश में विकास की बहुत सी संभावनाएं हैं जिनका फायदा उठाने के लिए हमें एकजुट होकर कड़ी मेहनत करने की जरुरत है।

प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद भी आपके प्यार और मोहब्बत की याद हमेशा मेरे जहन में ताज़ा रहेगी। मुझे जो कुछ भी मिला है, इस देश से ही मिला है। एक ऐसा देश जिसने बंटवारे के कारण बेघर हुए एक बच्चे को इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया। यह एक ऐसा कर्ज है जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता। यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा।

 

मित्रों, मुझे भारत के भविष्य के बारे में पूरा इत्मीनान है। मुझे पक्का विश्वास है कि वह समय आ गया है जब भारत दुनिया की बदलती हुई अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा। 

परंपरा को आधुनिकता के साथ और विविधता को एकता के साथ मिलाते हुए हमारा देश दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है। अपने महान देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरा सौभाग्य रहा है। मैं इससे ज्यादा कुछ और नहीं मांग सकता था।

मेरी शुभकामना है कि आने वाली सरकार अपने काम-काज में हर तरह से सफल रहे। मैं अपने देश के लिए और भी बड़ी सफलताओं की कामना करता हूं। धन्यवाद। जय हिन्द।

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