निमिषा प्रिया मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार का कहना है कि वह परिवार को जरूरी सहायता दी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि वह मित्र देशों के संपर्क में है। बता दें कि केरल की रहने वालीं निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन में फांसी की सजा होनी थी। मगर एक दिन पहले इसे टाल दिया गया है। विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है कि परिवार को कानूनी सहायता प्रदान की गई है। कांसुलर मुलाकात की व्यवस्था कर दी गई है। एक वकील नियुक्त किया गया है, जो परिवार की सहायता करेगा। सरकार की कोशिश पीड़ित परिवार और प्रिया के परिवार को और अधिक समय दिलाने की है, ताकि दोनों परिवार बातचीत से मामले का हल निकाल सकें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'यह संवेदनशील मामला है। सरकार हर संभव मदद कर रही है। एक वकील को परिवार की सहायता के लिए नियुक्त किया गया है। हमने कानूनी सहायता भी दी है। नियमित तौर पर कांसुलर मुलाकातों की व्यवस्था भी की गई है। परिवार के लोगों और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं, ताकि मामले को सुलझाया जा सके।'
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हम मित्र सरकारों के संपर्क में: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, 'यमन के अधिकारियों ने 16 जुलाई को निर्धारित सजा की तामील स्थगित कर दी है। हर संभव सहायता दी जा रही है। मामले पर लगातार निगाह बनी हुई है। कुछ मित्र सरकारों के संपर्क में भी हैं। निमिषा प्रिया के परिवार को और अधिक समय दिलाने का ठोस प्रयास किया गया है ताकि वह पीड़ित पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकाल सकें।'
18 जुलाई यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लगा दी गई है। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने अदालत को जानकारी दी कि सरकार चाहती है कि प्रिया सुरक्षित वापस लौटे। वह हर संभव प्रयास भी कर रही है। बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान इसके बाद आया है।
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सना की जेल में बंद निमिषा
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वालीं 38 वर्षीय निमिषा प्रिया मौजूदा समय में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद हैं। जुलाई 2017 में निमिषा को एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी ठहराया गया था। यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी निमिषा का बिजनेस पार्टनर था। 2020 में यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई। 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने निमिषा की अपील खारिज कर दी। 16 जुलाई 2025 को निमिषा प्रिया को फांसी की सजा दी जानी थी। मगर बाद में कंठपुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार की दखल पर फांसी पर रोक लगी।