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रैगिंग के सेंटर बने मेडिकल कॉलेज, 3 साल में हुई 51 मौतें: रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताए गए रैगिंग के आंकड़े कोटा में सुसाइड के आंकड़ों से काफी मेल खाते हैं। मेडिकल कॉलेज रैगिंग के मामले में हॉटस्पॉट बने हुए है।

Representational Image ।  Photo Credit: AI Generated

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 से 2024 के बीच रैगिंग से करीब 51 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा कोटा में आत्महत्या के कारण होने वाली मौतों के आंकड़े से मेल खाता है।

 

स्टेज ऑफ रैगिंग इन इंडिया 2022-24 की रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज रैगिंग के हॉट स्पॉट बने हुए है। नेशनल एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन के जरिए 1946 कॉलेज के लिए रजिस्टर किए गए 3156 शिकायतों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया। 

 

रिपोर्ट में कहा गया, 'मेडिकल कॉलेज सबसे ज्यादा चिंता का विषय हैं, जहां से कुल शिकायतों का 38.6 प्रतिशत आता है, गंभीर शिकायतों का 35.4 प्रतिशत और रैगिंग-संबंधी मौतों का 45.1 प्रतिशत आता है, जबकि मेडिकल कॉलेज में कुल छात्रों के सिर्फ 1.1 प्रतिशत ही पढ़ते हैं। डेटा के मुताबिक इस पीरियड में 51 जानें गई हैं जबकि कोटा की बात करे तो वहां सुसाइड के 57 मामले सामने आए।'

 

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मेडिकल कॉलेज से हैं ज्यादा मामले

इस रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में जितने स्टूडेंट पढ़ते हैं उनकी तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा रैगिंग के मामले सामने आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, 'यह कहने की बात नहीं है कि भारत में तीन सालों में 3156 मामले दर्ज किए गए। ये मामले नेशनल एंटी रैगिंग हेल्प लाइन पर रजिस्टर किए गए हैं।'

 

आगे इसमें कहा गया, 'संभावना है कि वास्तविक संख्या इससे बहुत ज्यादा हो क्योंकि एक बड़ी संख्या में लोग सामने ही नहीं आ पाते। काफी लोग तो अपनी सेफ्टी और सुरक्षा के मद्देनज़र चुप रहते हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ितों की सुरक्षा के मद्देनज़र हेल्पलाइन को गुमनाम शिकायत भी लेना चाहिए।

 

किन कॉलेजों का नाम टॉप पर

2022 से 2024 तक भारत के शीर्ष पांच मेडिकल कॉलेजों से सबसे ज़्यादा शिकायतें मिलीं। ओडिशा के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने 25 शिकायतों के साथ सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया, उसके बाद छत्तीसगढ़ के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (15) और बिहार के वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (14) का स्थान रहा। लखनऊ के राजकीय तकमील-उत-तिब कॉलेज और अस्पताल ने तीन साल की अवधि में 12 शिकायतें दर्ज कीं, जबकि दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज ने 11 शिकायतें दर्ज कीं।

 

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यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट में कौन ऊपर

अगर टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज की बात करें तो जबलपुर में मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी 75 शिकायतों के साथ सबसे आगे है, उसके बाद लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी (68) और नासिक में महाराष्ट्र हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी (61) का स्थान है। जयपुर में राजस्थान हेल्थ साइंस  यूनिवर्सिटी में 52 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि कोलकाता में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में 39 शिकायतें दर्ज की गईं।

 

UGC ने जारी किया था नोटिस

25 जनवरी, 2025 को यूजीसी ने देशभर के 18 मेडिकल कॉलेजों को एंटी-रैगिंग नियमों का पालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डिफॉल्टर्स में दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो कॉलेज थे जिन्हें यूजीसी का कारण बताओ नोटिस मिला था। आंध्र प्रदेश और बिहार में तीन-तीन कॉलेज हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के एक-एक मेडिकल कॉलेज को नोटिस दिया गया था।

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