महाराष्ट्र के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि ईश्वर भक्ति और देश भक्ति अलग-अलग लगते हैं पर होते नहीं है। खासकर हमारे भारत में दोनों एक ही बात है। मोहन भागवत आज यानी 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो गए। मोहन भागवत 16 वर्षों से अधिक से संघ के प्रमुख हैं। अब उनकी रिटायरमेंट की चर्चा भी तेज होने लगी है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'भगवान की भक्ति और देशभक्ति अलग-अलग लग सकते हैं। इन दोनों के लिए हम दो शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। सच्चाई यह है कि हमारे देश भारत में इसे अलग नहीं माना जाता है। यह दोनों एक ही बात है। जो भगवान का सच्चा भक्त होगा उसे देशभक्ति भी अच्छे से करनी आती है। जो सच्चे मन से देशभक्ति करते हैं, ईश्वर उसे भगवान की भक्ति करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। इस पर किसी तरह का कोई तर्क नहीं दिया जा सकता है। यह अनुभव की बात होती है। इसे ऐसा ही कहा जा सकता है।'
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RSS प्रमुख मोहन भागवत
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में 11 सितंबर, 1950 को मोहन भागवत का जन्म हुआ था। संघ प्रमुख ने लगभग 50 साल पहले आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया था। मार्च 2009 में RSS के सरसंघचालक (प्रमुख) बने। उनके पिता मधुकरराव भागवत भी एक पूर्णकालिक आरएसएस कार्यकर्ता थे।
मोहन भागवत के कार्यकाल की अवधि एमएस गोलवलकर और मधुकर दत्तात्रेय देवरस (बालासाहेब) के बाद तीसरे स्थान पर आती हैं। RSS के तीसरे प्रमुख बालासाहेब 20 वर्षों से अधिक तक सरसंघचालक रहें। दूसरे सरसंघचालक गोलवलकर ने 32 वर्षों से अधिक समय तक संगठन का नेतृत्व किया।
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रिटायरमेंट की अटकलें तेज
मोहन भागवत आज 75 वर्ष के हो गए। इसी कारण इनके रिटायरमेंट की अटकलें तेज होने लगी हैं। RSS प्रमुख कई मौकों पर 75 वर्ष की आयु में सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेने की बात कह चुके हैं। इनकी इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जाने लगा था। 17 सितंबर 2025 को पीएम मोदी 75 वर्ष के हो जाएंगे। हालांकि, उन्होंने हल्के अंदाज में दिवंगत आरएसएस नेता मोरोपंत पिंगले के बयानों का उल्लेख करके इन अटकलों पर विराम लगा दिया।