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ऐक्टर्स से संपर्क, फिल्म पर चर्चा; रोहित आर्य ने बंधक बनाने का कैसे बुना जाल?

मुंबई के पवई में बच्चों को बंधक बनाए जाने के मामले में कहा जा रहा है कि रोहित आर्य का मराठी फिल्म ऐक्टर्स से संपर्क था और उसने बच्चों को ऑडिशन के बहाने बुलाया था।

Rohit Arya । Photo Credit: Social Media

रोहित आर्य । Photo Credit: Social Media

मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को हुए दिल दहला देने वाले बच्चों को बंधक बनाने वाले कांड ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था। एक फिल्ममेकर और एक्टिविस्ट रोहित आर्य ने 17 बच्चों और तीन बड़ों को बंधक बना लिया था। पुलिस ने 3.5 घंटे की मुश्किल ऑपरेशन के बाद बच्चों को सुरक्षित निकाला और रोहित आर्य को गोली मार दी। अब, इस घटना के एक दिन बाद, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि रोहित आर्य का कई मराठी एक्टर्स से संपर्क था और फिल्म प्रोजेक्ट्स को लेकर उसकी उनसे बात चल रही थी। एक प्रोजेक्ट तो बच्चों को बंधक बनाने वाली परिस्थितियों पर ही आधारित था।


यह कांड पवई के महावीर क्लासिक बिल्डिंग में स्थित आरए स्टूडियो में हुआ था। यह एक कमर्शियल और रेसिडेंशियल बिल्डिंग है। आर्य ने एयर गन और ज्वलनशील स्प्रे लेकर बच्चों को बंधक बनाया था। बच्चों को कथित तौर पर 'ऑडिशन' के बहाने बुलाया गया था। अपनी आखिरी वीडियो में आर्य ने कहा था कि वह बच्चों को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहता। उसका मकसद सिर्फ सरकार से 'उसे दिए जाने वाले पैसे' वसूलना था। ऐसे तथ्य सामने आए कि महाराष्ट्र शिक्षा विभाग को उसे 2 करोड़ रुपये का बकाया देना था जो कि उसे नहीं दिया जा रहा था। हालांकि, विभाग ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

 

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रोहित आर्य से की थी मुलाकात

इस घटना ने न सिर्फ परिवारों को सदमे में डाल दिया, बल्कि मनोरंजन जगत को भी हिला दिया। वेटरन मराठी एक्टर गिरीश ओक ने मीडिया को बताया कि घटना से एक दिन पहले, यानी 29 अक्टूबर को सुबह 11 बजे वह आरए स्टूडियो पहुंचे थे। ओक ने कहा, 'मेरे साथ पहले थोड़े समय काम कर चुके एक व्यक्ति ने रोहित आर्य की ओर से मुझे संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि आर्य की फिल्म में एक रोल के लिए बात करनी है। आर्य पहले फिल्में प्रोड्यूस कर चुके हैं, इसलिए मैं मिलने को राजी हो गया।'


ओक ने आगे बताया, 'मैं 11 बजे स्टूडियो पहुंचा। आर्य करीब 5 मिनट बाद आए। हमने एक सोशल कॉज पर आधारित प्रोजेक्ट पर चर्चा की। वहां स्टूडियो में कई बच्चे थे। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि वे वर्कशॉप में हिस्सा लेने के लिए आए हैं। बच्चे इकट्ठे होकर मेरे साथ ग्रुप फोटो लेने लगे। बाहर खड़े कुछ पैरेंट्स ने भी सेल्फी ली। दोपहर करीब 12 बजे मैं स्टूडियो से चला गया।' ओक को अब लग रहा है कि वहां का माहौल सामान्य था, लेकिन अगले दिन जो हुआ, वह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

प्रोजेक्ट के लिए किया था संपर्क

एक और एक्ट्रेस रुचिता जाधव ने इंस्टाग्राम पर अपनी स्टोरी शेयर की है। उन्होंने लिखा, 'हाय सबको, मैं कुछ बहुत पर्सनल शेयर करना चाहती हूं, जो मुझे गहराई से हिला गया है। 4 अक्टूबर को रोहित आर्य नाम के शख्स ने मुझे एक फिल्म प्रोजेक्ट के बारे में संपर्क किया, जिसका टॉपिक बंधक को लेकर था। एक्टर होने के नाते मैंने और सुनना चाहा।' रुचिता ने आगे बताया, ' अब जब आज, 31 अक्टूबर को न्यूज में यह खौफनाक घटना देखी - वही शख्स - तो पूरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गई। सोच रही हूं कि किस तरह बाल-बाल बच गई। 23 अक्टूबर को उन्होंने पूछा कि क्या 27, 28 या 29 को मिल सकते हैं। मैंने 28 तारीख कन्फर्म की। 27 अक्टूबर को उन्होंने डिटेल्स भेजे - पवई के स्टूडियो का लोकेशन - और अगले दिन मिलने को कहा।'


लेकिन किस्मत ने साथ दिया। रुचिता ने फैमिली कमिटमेंट की वजह से मीटिंग कैंसल कर दी।  उन्होंने लिखा, 'अगर जाती तो क्या होता, यह सोचकर ही डर लगता है।' यह संयोग देखकर हर कोई हैरान है कि आर्य जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, वही बंधक बनाने वाली परिस्थितियों पर आधारित था, जो हकीकत बन गया।

क्यों उठाया यह कदम?

अब सवाल उठता है कि रोहित आर्य कौन था? उसने यह कदम क्यों उठाया? 40 साल के आर्य एक फिल्ममेकर, एक्टिविस्ट और सोशल वर्कर थे। वे अप्सरा मीडिया एंटरटेनमेंट नेटवर्क के मालिक थे। उनकी पत्नी अंजलि आर्य ने पहले मीडिया को बताया था कि पति को उनके प्रोजेक्ट की स्वीकृत पेमेंट नहीं मिल रही थी। यह प्रोजेक्ट था 'प्रोजेक्ट लेट्स चेंज' के तहत 'स्वच्छता मॉनिटर'। यह महाराष्ट्र सरकार के प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 2022 में 'माझी शाळा, सुंदर शाळा' इनिशिएटिव के तहत अपनाया था।


शिवसेना लीडर और पूर्व एजुकेशन मिनिस्टर दीपक केसरकर ने बताया कि 2022 से 2024 तक उनके कार्यकाल में उन्होंने आर्य को स्वच्छता जागरूकता प्रोग्राम 'स्वच्छता मॉनिटर' के पायलट बेसिस पर चलाने को कहा था। 'पिछले साल आर्य ने शिकायत की कि एजुकेशन डिपार्टमेंट पैसे रोक रहा है। मैंने पर्सनली उन्हें कुछ पैसे दिए थे।' उनका कहना था कि लेकिन इससे आर्य को संतुष्टि नहीं मिली। जुलाई-अगस्त और अक्टूबर 2024 में उन्होंने केसरकर के ऑफिशियल बंगले के बाहर और आजाद मैदान पर धरना दिया। दावा था कि विभाग ने उनकी शॉर्ट फिल्म्स और डॉक्यूमेंट्रीज का इस्तेमाल किया, लेकिन क्रेडिट या पेमेंट नहीं दिया।

फेसबुल पर भी किया था पोस्ट

फेसबुक पर 'स्वच्छता मॉनिटर' अकाउंट के पोस्ट्स से पता चलता है कि आर्य अक्सर इस भुगतान न किए जाने की बात करते रहे थे। उनका कहना था कि उनके साथ अन्याय हुआ है जिसकी वजह से उन्हें विरोध करना पड़ रहा है। संभवतः इसी वजह से उनका गुस्सा बढ़ रहा था जिसने उन्हें यह एक्सट्रीम स्टेप लेने के लिए मजबूर किया।

 

लेकिन महाराष्ट्र सरकार के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने गुरुवार को एक स्टेटमेंट जारी कर आर्य के दावे को नकार दिया। विभाग ने कहा कि आर्य ने अपने 'पेमेंट' का कोई रिलेवेंट डॉक्यूमेंट नहीं दिया। डेटा के आधार पर विभाग ने आरोप लगाया कि आर्य ने कई स्कूलों से 'स्वच्छता मॉनिटर 2024-25' में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस चार्ज की। उनके द्वारा सबमिट किया गए डॉक्यूमेंट्स में कमी थी।

 

अगस्त 2024 में विभाग ने आर्य को कहा था कि स्कूलों और स्टूडेंट्स से लिए गए पैसे को गवर्नमेंट अकाउंट में जमा करे और डिटेल्ड बजट के साथ डॉक्यूमेंट्स सबमिट करे। लेकिन आर्य ने ऐसा नहीं किया, इसलिए मामला वहीं अटक गया। आर्य की फर्म 'अप्सरा मीडिया' ने 'प्रोजेक्ट लेट्स चेंज' के तहत स्वच्छता मॉनिटर शुरू किया था। इसे पहली बार 27 सितंबर 2022 के गवर्नमेंट लेटर से अप्रूव किया गया था, जो कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत किया जाना था।


दूसरी बार 30 जून 2023 के लेटर से अप्रूव हुआ और 9,90,000 रुपये पेमेंट किया गया। 2023-24 में तीसरी बार 'मुख्यमंत्रि माझी शाळा सुंदर शाळा' के तहत अप्रूव किया गया, जिसमें 2 करोड़ का बजट था। लेकिन आर्य के ऑपरेशनल कॉस्ट, एडवरटाइजिंग और टेक्निकल एक्सपेंसेज का बजट बैकअप डॉक्यूमेंट्स के बिना था। टेक्निकल गैप्स की वजह से स्कीम लागू नहीं हुई।

फर्म ने फीस चार्ज किया

फिर आर्य ने 'स्वच्छता मॉनिटर 2024-25' को सभी स्टेट स्कूलों में लागू करने की रिक्वेस्ट की, जिसमें 2,41,81,000 रुपये मांगे। लेकिन प्रपोजल पर विचार करते हुए पता चला कि आर्य की फर्म अपनी प्राइवेट वेबसाइट पर कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए म्यूचुअल रिलेशनशिप फी चार्ज कर रही थी, वह भी बिना अप्रूवल के। 23 अगस्त 2024 को एजुकेशन कमिश्नर ने आर्य को सूचित किया कि फीस जमा करें और लेटर दें कि आगे स्कूलों से फीस नहीं लेगा। इन शर्तों के बाद ही प्रपोजल पर एक्शन लिया जाता। लेकिन जानकारी न मिलने से आगे कुछ नहीं हुआ।

 

देवेंद्र फडणवीस की एनडीए सरकार सत्ता में आने के बाद स्वच्छता मॉनिटर बंद कर दिया गया। केसरकर ने सफाई देते हुए कहा कि आर्य की शिकायत पर उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफिशियल्स के साथ मीटिंग की। 'पता चला कि डॉक्यूमेंट्स सबमिट नहीं किए। गवर्नमेंट में बिना बिल्स के पैसे रिलीज नहीं हो सकते। वह डॉक्यूमेंट्स के बिना पेमेंट मांग रहा था और ऑफिशियल्स की नहीं सुन रहा था। आखिर में इंसानियत के लिए मैंने पर्सनल अकाउंट से कुछ पैसे दिए।' केसरकर ने कहा कि आर्य को विभाग से मामला सुलझाना चाहिए था, न कि बच्चों को बंधक बनाना चाहिए था।

 

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पुलिस कर रही जांच

पवई पुलिस ने केस की जांच शुरू कर दी है। आर्य के फोन रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया और फिल्म प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। बंधक बने बच्चों और पैरेंट्स को काउंसलिंग दी जा रही है। एक पैरेंट ने कहा, 'बच्चा ऑडिशन के बहाने गया था। सोचिए, अगर पुलिस न आती तो क्या होता।' आर्य की पत्नी अंजलि सदमे में हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा पति अन्याय से तंग आ चुका था, लेकिन बच्चों को नुकसान पहुंचाने का उसका इरादा नहीं था।'

 

यह कांड फिल्म इंडस्ट्री को भी सतर्क कर रहा है। एक्टर्स अब अनजान लोगों से मिलने से पहले जांच करेंगे। गिरीश ओक ने कहा, 'हमें सावधान रहना होगा। सोशल कॉज अच्छा है, लेकिन बैकग्राउंड चेक जरूरी।' रुचिता जाधव की पोस्ट पर हजारों लाइक्स आए हैं। लोग कमेंट्स में कह रहे हैं, 'भगवान ने बचा लिया।' मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सिक्योरिटी बढ़ाई जाएगी, खासकर स्टूडियोज और ऑडिशन सेंटर्स पर।

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