logo

ट्रेंडिंग:

अनंत सिंह से अदावत, सूरजभान से पंगा, फिर मौत, दुलारचंद यादव की कहानी क्या है?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या हुई है। मोकामा में एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।

Bihar Bahubali

दुलारचंद यादव, अनंत सिंह और सूरजभान सिंह। (AI Image, Photo Credit: Sora)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले फेज के वोटिंग में अब कुछ दिन बचे हैं। पहले फेज का चुनाव 6 नवंबर को होने वाला हैवोटिंग होने से पहले बिहार में कानून व्यवस्था को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। 30 अक्टूबर को मोकामा विधानसभा में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गईइस हत्या ने पूरे बिहार में फिर से सियासी बवाल खड़ा कर दिया हैराज्य में दुलारचंद की गिनती बाहुबली नेताओं में की जाती थी। वह मोकामा के टाल क्षेत्र में काफी सक्रिय थे। कभी राज्य के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के करीबी माने जाने वाले दुलारचंद का आपराधिक इतिहास उनके पॉलिटिकल प्रभाव का कारण माना जाता था।

 

मोकामा से जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थन में दुलारचंद लगातार प्रचार कर रहे थे। उनकी हत्या के बाद परिवार गुस्से में हैहत्या के कई घंटो के बाद परिवार पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गया है। सूरजभान की पत्नी वीणा सिंह भी ट्रैक्टर में सवार होकर पोस्टमार्टम के लिए निकली हैं। पोते के बयान पर भदौर थाने में अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर और कर्मवीर के अलावा छोटन सिंह और कंजय सिंह समेत दर्जनों लोगों पर हत्या का केस दर्ज हुआ है।

 

यह भी पढ़ें- बिहार की वह 8 विधानसभा सीटें, जहां बढ़ सकती हैं BJP प्रत्याशियों की मुश्किलें?

अनंत सिंह की पत्नी पर टिप्पणी

चुनाव प्रचार के दौरान दुलारचंद ने अनंत की पत्नी को नाचने वाली बताया था। उन्होंने कहा, लोकसभा मे नीलम देवी के बारे में कहा जाता था कि वह नीलम  देवी नहीं बल्कि नीलम खातून है। जब वह लोकसभा चुनाव लड़ रही थी तो उनके लिए लोग दरी लेकर दौड़ रहे थे और कह रहे थे कि नाचने वाली आई है। नीलम देवी नाचने के लिए गई थी, अनंत सिंह ने उन्हें रख लिया। दोनों की शादी नहीं हुई थी। नीलम देवी भूमिहार थोड़े ही है।'

कौन थे दुलारचंद यादव?

दुलारचंद यादव को बाढ़-मोकामा का कुख्यात अपराधी माना जाता था। 2010 के चुनावी हलफनामे के अनुसार दुलारचंद पर कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज थे। जमीन कब्जा, रंगदारी, फायरिंग, मारपीट और अवैध वसूली में अलग केस में आरोपी रह चुके थे। पटना जिले के घोषबरी और बाढ़ थाने में उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। जून 2019 में पटना पुलिस ने उन्हें जमीन हड़पने, रंगदारी और हत्या के प्रयास से जुड़े तीन लंबित मामलों में वांटेड बताते हुए गिरफ्तार किया था। राजनीति में उनका आपराधिक बैकग्राउंड भी प्रभाव डालता था।  

 

यह भी पढ़ें- क्या 33 से ज्यादा बागी नेता बिगाडेंगे एनडीए और आरजेडी का खेल?

 

दुलारचंद को 90 के दशक में मोकामा टाल क्षेत्र का आतंक भी कहा जाता था। इस समय वह लालू यादव के संपर्क में आए और मोकामा विधानसभा से चुनाव भी लड़े पर चुनाव हार गए। बाद में कई नेताओं के संपर्क में आए। कई दलों और नेताओं के साथ सक्रिय रहेबाहुबली अनंत सिंह से भी उनके बहुत अच्छे रिश्ते हुआ करते थे। इसी चुनाव में वह अनंत सिंह को छोड़कर पीयूष प्रियदर्शी के साथ चले गए। पीयूष के लिए उन्होंने एक गाना भी रिकॉर्ड करवाया थासोशल मीडिया पर अनंत सिंह के खिलाफ लगातार बोलते नजररहे थेंजिससे इन दोनों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था

 

ऐसा पता चला है कि दुलारचंद को मारने से पहले लाठी-डंडों से पीटा गया था। मौके पर 10 से 12 राउंड गोली चली। उनके पैर में गोली लगी और वह गिर पड़े। इसी दौरान उन पर डिफेंडर गाड़ी चढ़ा दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap