संजय सिंह, पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है। 33 से अधिक सीटों पर दलों के बागियों ने दोनों गठबंधनों के समीकरण बिगाड़कर रख दिए हैं। बागी कहीं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं तो कहीं दूसरे दलों से टिकट लेकर चुनौती दे रहे हैं। यही कारण है कि आरजेडी ने 35 नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
 
जेडीयू ने भी दो पूर्व मंत्रियों, चार विधायकों और तीन विधान पार्षदों समेत 16 नेताओं को निष्कासित कर दिया है। बीजेपी के कई बागियों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मनाने में सफलता पाई है। वहीं कांग्रेस के कुछ नेता राज्य स्तरीय नेतृत्व के खिलाफ लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
 
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आरजेडी के 11 बागी बने मुसीबत
आरजेडी के 11 बागी अपने-अपने क्षेत्रों में अधिकृत प्रत्याशियों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। इनकी स्थिति कई जगहों पर काफी मजबूत बताई जा रही है। मधेपुरा से आरजेडी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में डॉ. चंद्रशेखर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके खिलाफ डॉ. प्रणव प्रकाश मैदान में डटे हैं। यही हाल परिहार, गोविंदपुर, महनार, चेरिया बरियारपुर, संदेश, बढ़हारा, कहरी, चिरैया, शेरघाटी और बरौली सीटों का है। आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व ने बागियों को समझाने और मैदान से हटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बागियों ने नेतृत्व की बातों को अनसुना कर दिया।
जेडीयू सात बागियों से परेशान
जेडीयू में भी बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी के अपने मंत्री और विधायक ही बागी बनकर मैदान में हैं। मुंगेर के जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से नचिकेता मंडल जेडीयू के अधिकृत प्रत्याशी हैं, जिनके खिलाफ पार्टी के ही पूर्व मंत्री शैलेश कुमार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
 
जमुई के चकाई से पूर्व मंत्री सुमित कुमार सिंह मैदान में हैं, वहीं जेडीयू के बागी विधान पार्षद संजय प्रसाद उनके लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। बरहरिया, बरबीघा, गोपालपुर, कदबा और नवीनगर विधानसभा क्षेत्रों में भी यही स्थिति है। पार्टी से बागियों को निकाल दिए जाने के बावजूद इसका लाभ अधिकृत प्रत्याशियों को मिलता नहीं दिख रहा है। इन सातों सीटों पर जेडीयू उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती मिल रही है।
एनडीए की भी बढ़ी परेशानी
एनडीए के घटक दलों के नौ प्रत्याशी भी बागियों के कारण असहज स्थिति में हैं। कहीं जेडीयू के बागी तो कहीं बीजेपी के बागी प्रत्याशी सहयोगी दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
महुआ में एलजेपी (आर) ने संजय सिंह को मैदान में उतारा है, जिनके खिलाफ जेडीयू की बागी डॉ. आसमा परवीन मुकाबले में हैं। इसी तरह, बीजेपी ने बरहारा से राघवेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जबकि उनके खिलाफ जेडीयू के रणविजय सिंह मैदान में हैं।
 
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इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है। यही हाल दिनारा, मोतिहारी, साहेबपुरकमाल, पारू, सकरा, उजियारपुर और गौरवा का भी है। इन क्षेत्रों में मत विभाजन के कारण परिणाम पर बड़ा असर पड़ सकता है। कांग्रेस और एलजेपी (आर) में बागियों की संख्या तुलनात्मक रूप से बहुत कम है।