बिहार के मोकामा इलाके में गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। जन सुराज पार्टी के एक समर्थक दुलारचंद यादव की गोली लगने से मौत हो गई। इससे पूरे राज्य में राजनीतिक हंगामा मच गया है। पुलिस अभी मौत की सही वजह पता करने में लगी है।
घटना मोकामा में हुई, जहां चुनाव प्रचार चल रहा था। दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे थे। अचानक गोलियां चलीं और यादव को गोली लग गई। वे मौके पर ही गिर पड़े। पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने मीडिया को बताया कि चूंकि अभी उनकी लाश पुलिस के पास नहीं आई है इसलिए घटना की वास्तविक वजह पता नहीं चली है। उन्होंने कहा, 'जब लाश हमें सौंपी जाएगी तभी पता चल पाएगा कि मौत गोली लगने से हुई है या किसी दुर्घटना की वजह से।'
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दो बाहुबलियों में मुकाबला
मोकामा सीट बिहार की प्रमुख सीटों में से एक है। यहां दो बाहुबलियों के बीच मुकाबला है। जेडीयू के अनंत सिंह मैदान में हैं, जबकि आरजेडी ने वीना देवी को उतारा है। वीना देवी सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, जो 'दादा' के नाम से मशहूर हैं। सूरजभान चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके हैं, इसलिए उनकी पत्नी उनकी जगह लड़ रही हैं। इस सीट पर 6 नवंबर को वोटिंग होगी।
जन सुराज पार्टी के राज्य अध्यक्ष मनोज भारती ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा, 'यह उन लोगों की साजिश है जो जंगल राज का डर दिखाकर वोट मांगते हैं। हमारे उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर हमला और एक समर्थक की हत्या लोकतंत्र के अधिकारों पर चोट है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।' भारती ने आगे कहा कि हर उम्मीदवार को जनसंपर्क करने का हक है। 'प्रचार के दौरान हमला करना, गोलियां चलाना और गाड़ी चढ़ाकर मारना घोर अपराध है।'
कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि मोकामा में पार्टी के बड़े नेता मौजूद हैं। 'जैसे ही कोई अपडेट मिलेगी, सबको बताएंगे।' आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'दुलारचंद यादव की हत्या गंभीर मामला है। इससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना चाहिए। वे हमेशा बिहार में एनडीए राज की बात करते हैं। इसे क्या राज कहें?'
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बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को है। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। मोकामा जैसी सीटों पर हिंसा से चुनावी माहौल गरम हो गया है। पुलिस जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
क्या बोले अनंत सिंह?
यह घटना बिहार की राजनीति में पुराने गुंडाराज की याद दिलाती है। अनंत सिंह और सूरजभान जैसे नेता पहले अपराध के मामलों में फंसे रहे हैं। अब चुनाव में उनकी पत्नी और वे खुद मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी नई पार्टी है, जो प्रशांत किशोर ने शुरू की है। वे साफ-सुथरी राजनीति की बात करते हैं, लेकिन ऐसी हिंसा से उनका अभियान प्रभावित हो रहा है।