राजधानी दिल्ली में लोग जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गुरुवार को दिल्ली सरकार की ओर से पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। दिल्ली में तत्काल प्रभाव से GRAP स्टेज-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। आज से राष्ट्रीय राजधानी में सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम जरूरी कर दिया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि अगर कोई संस्थान सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार सख्ती से नियम लागू कर रही है। GRAP स्टेज-4 के दौरान प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' की नीति अपनाई है। आज से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर इस नीति का सख्ती से पालन किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है कि अगर आपके पास अपनी गाड़ी का वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपको पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। इस नियम को लागू कराने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स सीधे पेट्रोल पंपों पर तैनात रहेंगे। सरकार ने बताया है कि बिना पीयूसी के तेल डलवाने की कोशिश करने वालों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।
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इन चीजों पर लगेगी रोक
- गुरुवार को दिल्ली में नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। आज से दिल्ली में सिर्फ दूध, सब्जी, दवा और राशन जैसी जरूरी चीजों वाले ट्रकों को ही एंट्री मिलेगी। भारी गाड़ियों को बॉर्डर से ही वापस लौटा दिया जाएगा।
- दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-4 और उससे नीचे की डीजल हैवी गुड्स व्हीकल्स और मध्यम मालवाहक गाड़ियों के चलने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। अगर आपकी गाड़ी पुरानी है और डीजल पीती है, तो उसे सड़क पर न उतारें, वरना भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
- अगर आप दिल्ली से बाहर से आ रहे हैं और आपकी गाड़ी दिल्ली में रजिस्टर्ड नहीं है तो आपको दिक्कत हो सकती है। अगर आपकी कार BS-6 मानक का नहीं है तो वह दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएगा। केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियों और सीएनदी गाड़ियों को ही छूट मिलेगी।
- प्रूदूषण का एक बड़ा कारण निर्माण गतिविधियों से जुड़े ट्रकों पर भी लगाम लगा दी गई है। रेत, ईंट, सीमेंट, रोड़ी और पत्थर ढोने वाले वाहनों की दिल्ली में एंट्री पूरी तरह बैन है।
- दिल्ली में ओपन बर्निंग पर भी पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। डीजल जेनरेटर सेट्स का इस्तेमाल केवल हॉस्पिटल, डेटा सेंटर, टेलीकॉम जैसी इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही किया जा सकेगा।

क्या-क्या खुला?
- सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सेवाओं जैसे हॉस्पिटल, फायर सर्विस, पावप प्लांट्स, वाटर- सैनिटेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट और एयर पॉल्यूशन कंट्रोल में लगी टीमों को छूट होगी।
- पाबंदियां सार्वजनिक परिवहन पर भी लागू नहीं होंगी। मेट्रो, सरकारी बसें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलता रहेगा। इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ्रीक्वेंशी बढ़ाई जाएगी।
- क्लीन फ्यूल यानी सीएनजी और एलपीजी वाले उद्योग खुले रहेंगे।
- बैंक और सारी वित्तीय संस्थाएं पहले की तरह ही खुली रहेंगी।
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क्या स्कूल बंद रहेंगे?
बच्चों पर जहरीली हवा का असर ज्यादा पड़ता है। इसलिए स्कूलों पर भी प्रदूषण की पाबंदियों का असर देखने को मिलेगा। दिल्ली सरकार ने पांचवी तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। सरकार ने नोटिस जारी कर कहा है कि अगले आदेश तक दिल्ली में स्थित सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से पांचवी तक की क्लास फिजिकल मोड में नहीं लगेगी। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए ऑनलाइन मोड में क्लास लगाएं।