देश के गांव और शहरों में रिकॉर्ड 1.71 करोड़ लोगों का 'अपना घर' होने का सपना पूरा हुआ है। जी हां, रियल एस्टेट के इतिहास में इस साल लगभग 1.71 करोड़ लोगों को अपने सपनों का घर मिला। यह नेशनल हाउसिंग बैंक की सालाना रिपोर्ट 2022-2023 की रिपोर्ट में दावा किया गया है।
NHB की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से 2023 के बीच 37.77 लाख घरों का निर्माण किया गया। वहीं, 2023 से 2024 के बीच 1.71 करोड़ घर बनाए गए। आसान भाषा में समझें तो एक साल के भीतर लगभग 353 प्रतिशत घर बनाए जा चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या सरकारी आवास योजना और निजी स्तर पर मकान बनाने वालों की है। इसके अलावा होम लोन में भी बढ़ोतरी हुई है। बैंक-हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने करीब 4 गुना लोन लोगों को दिया है।
सरकार आवास योजना के तहत कितने बने घर?
रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल की तुलना में प्रधानमंत्री आवास योजना में गांव और शहरों में लगभग 56 लाख मकान बनकर तैयार किए गए। यह सभी मकान 10 लाख रुपये में तैयार किए गए। वहीं, बात करें महंगे मकानों की तो उसमें भी 3 गुना बढ़ोतरी हुई है। 1 करोड़ की राशि वाले मकानों की बिक्री में 30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या कहता है रेरा?
रेरा के अनुसार, घर बनाने के लगभग 25 हजार नए प्रोजेक्ट रजिस्टर किए गए है। यह आकंड़ा 2023 से 2024 का है। इसका सबसे बड़ा कारण टियर 2 और टियर 3 शहरो में इंफ्रास्ट्रक्चर का बढ़ना है। लोग अब प्रॉपर्टी और घरों में निवेश अधिक करे लगे है।
इस साल क्या-क्या आए बदलाव?
बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने 4 गुना होम लोन दिया।
इस साल 31.51 लाख करोड़ लोगों को होम लोन दिया गया है।
पिछले साल इसकी संख्या 8.08 लाख करोड़ रुपये ही थी।
पर्सलन लोन लेने वाले पोर्टफोलियों में भी 35 लाख तक की बढ़ोतरी हुई।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस साल कुल 1.18 करोड़ घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई।
बैंक बाजार की रिपोर्ट बताती है कि आम व्यक्ति की 3 प्रमुख प्राथमिकताओं में अब घर खरीदना फिर से शामिल हो गया है।
एनरॉक की रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप 7 शहरों में 31 दिसंबर-2023 को खत्म हुए वर्ष में कुल मिलाकर 4.76 लाख मकान बिके।