नई दिल्ली के प्रतिष्ठित लुटियंस ज़ोन में स्थित एक ऐतिहासिक बंगला, जो कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था, अब बिकने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बंगले की डील लगभग ₹1,100 करोड़ में तय हो रही है। अगर यह सौदा पूरा हो जाता है तो यह भारत का अब तक का सबसे महंगा आवासीय सौदा माना जाएगा।
मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित इस बंगले के मौजूदा मालिक राजस्थान के एक पूर्व शाही परिवार से जुड़ीं राज कुमारी कक्कड़ और बीना रानी हैं। उन्होंने शुरुआती तौर पर इस संपत्ति की कीमत ₹1,400 करोड़ रखी थी, लेकिन बातचीत के बाद डील लगभग ₹1,100 करोड़ पर तय होती नज़र आ रही है।
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इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस संपत्ति को देश के एक प्रमुख बेवरेज उद्योग से जुड़े कारोबारी खरीद रहे हैं। उनके वकीलों की टीम ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी है कि सौदे की ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। नोटिस में कहा गया है कि यदि किसी के पास इस संपत्ति को लेकर कोई दावा है, तो वह सात दिनों के भीतर सामने आए।
क्यों खास है यह बंगला?
यह बंगला सिर्फ अपनी कीमत और लोकेशन की वजह से ही नहीं, बल्कि अपनी ऐतिहासिक अहमियत की वजह से भी बेहद खास है। यह बंगला करीब 3.7 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। इसमें 24,000 वर्ग फुट का बना हुआ क्षेत्र (बिल्ट-अप एरिया) शामिल है। जवाहरलाल नेहरू ने इसे अपने पहले आधिकारिक आवास के तौर पर इस्तेमाल किया था, इसके बाद वे मशहूर तीन मूर्ति भवन चले गए।
लुटियंस ज़ोन का डिज़ाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने 1912 से 1930 के बीच तैयार किया था। यह इलाका आज भी भारत का सबसे वीआईपी और सुरक्षित रिहायशी क्षेत्र माना जाता है। यहां मंत्रियों, जजों, वरिष्ठ अधिकारियों और देश के कुछ सबसे अमीर कारोबारी परिवारों के बंगले स्थित हैं।
करीब 28 वर्ग किलोमीटर में फैले इस ज़ोन में लगभग 3,000 बंगले हैं, जिनमें से सिर्फ 600 निजी स्वामित्व वाले हैं। यही वजह है कि इन संपत्तियों को खरीदने का मौका बहुत मुश्किल से ही मिलता है और यह करोड़पतियों व अरबपतियों के लिए स्टेटस सिंबल माना जाता है।
हेरिटेज वैल्यू है
अगर यह सौदा पूरा हो जाता है तो यह दिल्ली की लक्ज़री प्रॉपर्टी मार्केट के लिए नया रिकॉर्ड होगा। यह न सिर्फ कीमत के लिहाज़ से बल्कि इसके इतिहास और हेरिटेज वैल्यू की वजह से भी एक मिसाल बनेगा।
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि लुटियंस ज़ोन की संपत्तियां बाजार में बिकने के लिए बहुत कम आती हैं और जब आती भी हैं तो उन पर अरबपतियों और बड़े औद्योगिक घरानों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्द्धा होती है।
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इस सौदे से यह साफ है कि देश के धनी वर्ग में अल्ट्रा-प्रिमियम प्रॉपर्टीज़ को लेकर रुचि लगातार बढ़ रही है। यह बंगला अब सिर्फ भारत के पहले प्रधानमंत्री के निवास के तौर पर ही नहीं, बल्कि देश के सबसे महंगे घरों में से एक के तौर पर भी इतिहास में दर्ज हो जाएगा।