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15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, शपथ ग्रहण में मौजूद रहे धनखड़

शपथ ग्रहण करने के साथ ही सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति बन गए हैं। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव कराया गया था।

CP Radhakrishnan taking oath : Photo Credit: Screengrab of Video

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी। Photo Credit: @rashtrapatibhvn

सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के साथ ही देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्हें कुल 452 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी बी सुरदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले थे। शपथ ग्रहण में जगदीप धनखड़ भी शामिल रहे। इस्तीफा देने के बाद से पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ पहली बार सार्वजनिक रूप से देखे गए हैं।

 

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और एम वेंकैया नायडू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी तथा कई अन्य कई बड़े नेता शामिल हुएएनडीए के संख्या बल को देखते हुए सीपी राधाकृष्णन की जीत को निश्चित माना जा रहा था। एनडीए के पास 427 सांसद थे। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसद र अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला था। ऐसा भी माना जा रहा था कि बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है।

 

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महाराष्ट्र के राज्यपाल थे

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफ़ा देने के कारण यह चुनाव ज़रूरी हो गया था। इसके पहले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर थे। अपनी जीत के बाद, राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा दे दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने नई नियुक्ति होने तक गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।

 

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कोयंबटूर से दो बार सांसद और तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राधाकृष्णन का दशकों लंबा करियर जनसंघ से शुरू हुआ और फिर वे भाजपा में शामिल हो गए।

कैसी रही है छवि

अपने 40 साल से लंबे राजनीतिक करियर में राधाकृष्णन कई महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं। इस दौरान उनके कुछ छोटे मोटे आरोप, जैसे साल 2000 में पुलिस फोटोग्राफर के असाल्ट जैसे मामले से इतर कोई बड़े आरोप नहीं लगे हैं। राधाकृष्णन की छवि अब तक साफ सुधरी दिखाई देती है। तमिलनाडु के विपक्षी पार्टियों से भी उनके अच्छे संबंध है। बीजेपी जरूर राधाकृष्णन को मिशन साउथ का बड़े सिपाही के तौर पर देखती है। विपक्ष ने अब तक उनके खिलाफ किसी कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। 21 अगस्त को नामांकन की आखिरी तारीख है। 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। संख्या बल में NDA आगे है। यानी राधाकृष्णन का उप राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।

 

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9 सितंबर को था चुनाव

उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त थी, 22 अगस्त को दस्तावेजों की जांच हुई और 9 सितंबर को चुनाव हुए थे। चूंकि एनडीए के पास बहुमत था इसलिए सीपी राधाकृष्णन की जीत को तय माना जा रहा था। उनके सामने इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया था। राधाकृष्णन तमिलनाडु के नेता हैं इससे माना जा रहा है कि बीजेपी आने वाले समय में दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।

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