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दोगुना किराया लेंगे Uber-Rapido! कैब-बाइक टैक्सी की नई गाइडलाइन क्या?

सड़क और परिवहन मंत्रालय ने कैब और बाइक टैक्सी की सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए नई गाडइलाइंस जारी कर दी हैं। अब कंपनियां पीक आवर्स में बेस फेयर से दोगुना किराया वसूल सकती हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Social Media)

केंद्र सरकर ने कैब और बाइक टैक्सी की सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। नई गाइडलाइंस में बाइक टैक्सी की सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। इसके साथ ही कैब कंपनियों को पीक आवर्स में किराया बढ़ाने की मंजूरी भी दे दी गई है। 


सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस (MVAG) का उबर और रैपिडो ने स्वागत किया है। लगभग पांच साल बाद सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स के लिए यह गाइडलाइंस जारी की हैं।


सरकार की यह गाइडलाइंस उन कंपनियों यानी एग्रीगेटर्स के लिए हैं, जो ऐप या डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए कैब और टैक्सी सर्विसेस देती हैं। ऐसे में जानते हैं कि इस गाइडलाइंस में क्या कुछ खास है?

 

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कंपनियों के लिए

  • बाइक टैक्सी के लिएः अब तक सिर्फ कमर्शियल (येलो नंबर प्लेट) वाली बाइक ही टैक्सी के लिए यूज हो सकती थीं लेकिन नई गाइडलाइंस के मुताबिक, प्राइवेट (व्हाइट नंबर प्लेट) वाली बाइक को भी टैक्सी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी होगी। 
  • किराये के नियमः कंपनियों को बेस फेयर तय करना होगा। किसी दूरी का जितना किराया है, उस पर बहुत से बहुत 50% तक छूट दे सकती हैं। इसके अलावा, पीक आवर्स में बेस फेयर से दोगुना किराया भी लिया जा सकता है। अभी तक कंपनियां पीक आवर्स में बेस फेयर से 1.5 गुना किराया ही बढ़ा सकती थीं।

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ड्राइवर्स के लिए

  • कौन बन सकता है ड्राइवरः किसी कंपनी के साथ जुड़ने से कम से कम 7 दिन पहले ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है। ड्राइवर के पास वैलिड लाइसेंस और बैंक अकाउंट होना जरूरी है। बाइक या कार का इंश्योरेंस और फिटनेस सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है।
  • हिस्सा कितना मिलेगाः अगर खुद की गाड़ी है तो ड्राइवर को किराये का 80% देना होगा। अगर ड्राइवर कंपनी की गाड़ी चला रहा है तो उसे किराये का 60% दिया जाएगा। पेमेंट का मामला डेली, वीकली या 15 दिन में निपटाना होगा।

आम लोगों के लिए

  • ऐप पर देनी होगी सुविधाः ऐप हिंदी और अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की आधिकारिक भाषा में भी अवेलेबल होगी। दिव्यांगजनों के लिए भी इसे डिजाइन करना होगा। हर कंपनी को 24/7 कॉल सेंटर बनाना होगा, ताकि ड्राइवर्स या आम लोग संपर्क कर सकें और शिकायत कर सकें।
  • राइड कैंसिल होने परः राइड एक्सेप्ट करने के बाद अगर ड्राइवर इसे कैंसिल करता है तो कुल किराये का 10% या 100 रुपये चार्ज कटेगा। अगर व्यक्ति खुद से कैंसिल करता है तो उसे भी कुल किराये का 10% या 100 रुपये चार्ज देना होगा। 

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उबर और रैपिडो ने किया स्वागत

उबर और रैपिडो ने सरकार की इन नई गाइडलाइंस का स्वागत किया है। वह इसलिए क्योंकि इसमें अब प्राइवेट बाइक का इस्तेमाल करने की भी अनुमति मिल गई है। रैपिडो का तो पूरा बिजनेस ही बाइक टैक्सी पर निर्भर है।


उबर ने बयान जारी कर इन गाइडलाइंस को 'दूरदर्शी कदम' बताया है। वहीं, रैपिडो ने इसे भारत की विकास यात्रा में 'मील का पत्थर' बताया है। रैपिडो ने कहा कि प्राइवेट बाइक को मान्यता देकर सरकार ने लाखों लोगों के लिए किफायती ट्रांसपोर्ट के विकल्प को खोल दिया है। 

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