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पहलगाम से पहले भी 3 हमलों में शामिल रहा है आतंकी मूसा, NIA का दावा

पहलगाम आतंकी हमले का मुख्य अपराधी हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान पिछले 3 हमलों में शामिल था। NIA ने 2 और स्केच जारी किए गए है। 4 आतंकियों की पहचान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की है।

NIA in Jammu Kashmir

पहलगाम आतंकी हमले, Photo Credit: PTI

पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का मुख्य अपराधी, पाकिस्तानी नागरिक हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान, पिछले एक साल से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था और सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय लोगों पर हुए कम से कम तीन हमलों में शामिल था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, वह पांच अन्य आतंकियों के साथ पिर पंजाल रेंज के ऊपरी इलाकों में छिपा हुआ माना जा रहा है। इनमें से चार आतंकियों की पहचान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की है: अली भाई उर्फ ताल्हा (पाकिस्तानी), आसिफ फौजी (पाकिस्तानी), आदिल हुसैन ठोकर (अनंतनाग), और अहसान (पुलवामा)। 

 

2 नए स्केच जारी

इसके अलावा, एनआईए ने हमले में शामिल संदिग्ध आतंकियों के दो और स्केच जारी किए हैं। ये स्केच चश्मदीदों के बयानों के आधार पर तैयार किए गए हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार, इस हमले में कुल छह आतंकियों ने हिस्सा लिया था, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की सहयोगी इकाई द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े हैं। हमलावरों ने सैन्य-ग्रेड हथियारों और अत्याधुनिक संचार उपकरणों का उपयोग किया, जिससे बाहरी सहायता की संभावना जताई जा रही है। एनआईए की एक टीम, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) की अगुवाई में, जांच में सहायता के लिए घटनास्थल पर पहुंची है। यह हमला, जिसमें 26 लोग मारे गए, हाल के वर्षों में कश्मीर में नागरिकों पर सबसे घातक हमलों में से एक है।

 

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2 हजार से अधिक लोग हिरासत में 

पुलिस ने 2,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें अधिकत्तर पूर्व आतंकवादी और ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) हैं। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'शुरुआती जांच के बाद कई लोगों को रिहा कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने 2000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।'  पुलिस ने आतंकवादियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है।

 

NIA को इस बात का संदेह

NIA को संदेह है कि हमले में स्थानीय दुकानदारों, चायवालों और वेंडरों का सहयोग शामिल था, जो हमले के बाद अचानक गायब हो गए। ये संदिग्ध स्लीपर सेल का हिस्सा हो सकते हैं। NIA की टीम, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल की अगुवाई में, घटनास्थल पर पहुंची है। जांच में स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भी सहयोग कर रहे हैं। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा और उसकी सहयोगी टीआरएफ ने अंजाम दिया। एनआई ने इन संगठनों के स्थानीय और सीमापार नेटवर्क को निशाना बनाया है। 

 

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जम्मू-कश्मीर में NIA एक्टिव

एनआई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के एक्टिव रूप से काम कर रही है। हाल के महीनों में इसने कई छापेमारी की है, जिनमें जनवरी 2025 में कश्मीर के तीन जिलों (श्रीनगर, बडगाम, सोपोर) में छह स्थानों पर छापेमारी शामिल है, जहां लश्कर और टीआरएफ से जुड़े संदिग्धों से आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। एनआईए ने 2024 में गंदेरबल और रियासी हमलों की भी जांच की, जिसमें सात और नौ लोग मारे गए थे। 

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