अगर आप भारत में हाइवे पर सफर करते हैं और टोल गेट पर लगी लंबी लाइनों से परेशान हैं तो अब 2026 में आपकी यह परेशानी हमेशा के लिए खत्म होने वाली है। अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से हाइवे पर टोल टैक्स लिया जाएगा और सबसे खास बात यह है कि इसके लिए आपको स्पीड कम करने या फिर टोल लाइन में लंबे समय तक खड़े होने की भी जरूरत नहीं है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार 18 दिसंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि सेटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम साल 2026 के अंत तक लागू हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्रीन नितिन गडकरी ने संसद में बताया कि अगले साल के अंत तक पूरे देश में मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि AI आधारित इस नई व्यवस्था से पारंपरिक टोल प्लाजा और वहां लगने वाली लंबी लाइनों का झंझट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। इस नए सिस्टम के पूरी तरह लागू होने के बाद हाइवे पर टोल लाइन में खड़े होने वाला समय जीरो हो जाएगा यानी आपको एक सेकंड के लिए भी टोल लाइन में नहीं रुकना पड़ेगा।
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क्या है MLFF सिस्टम?
मौजूदा समय में भारत में टोल वसूली के लिए FASTag सिस्टम लागू है। FASTag सिस्टम के जरिए अब टोल प्लाजा पर लगने वाला समय कम हो गया है। इस सिस्टम में टोल गेट पर लगे कैमरा से आपकी गाड़ी पर लगे FASTag को स्कैन किया जाता है और उससे टोल टैक्स कट जाता है। हालांकि, इस सिस्टम में टोल गेट पर गाड़ियों को ब्रेक लगाना पड़ता है और कई जगहों पर लंबे समय तक लंबी कतारों में इंतजार भी करना पड़ता है। सरकार टोल गेट पर रुकने का झंझट ही खत्म करना चाहती है और इसके लिए MLFF तकनीक यानी मल्टी लेन फ्री फ्लो लॉन्च कर रही है। यह मौजूदा FASTag सिस्टम से कहीं ज्यादा एडवांस है। इस सिस्टम में गाड़ियों को टोल देने के लिए रुकने या धीमा होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी गाड़ियां 80 किलोमीटर की स्पीड से टोल गेट पार कर पाएंगे और MLFF तकनीक से आपके अकाउंट से पैसा कट जाएगा।
AI से कटेगा टोल टैक्स
नितिन गडकरी ने बताया कि यह नया सिस्टम सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग और AI पर आधारित होगी। इसमें ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जाएगा। जब कोई गाड़ी हाईवे पर एंट्री लेगा और टोल गेट पार करेगा तो यह सिस्टम उसकी नंबर प्लेट को स्कैन कर लेगा। इसके बाद नंबर प्लेट से लिंक FASTag या बैंक अकाउंट से हाईवे पर तय की गई दूरी के हिसाब से टोल काट लिया जाएगा। नितिन गडकरी ने संसद में बताया कि इससे सरकार की इनकम बढ़ेगी और टोल पर लगने वाला समय भी कम हो जाएगा।
किन हाइवे पर होगा लागू?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में साफ कर दिया है कि यह सिस्टम केवल नेशनल हाइवे पर ही लागू होगा। स्टेट हाइवे या फिर अन्य सड़कों के लिए टोल प्रबंधन का काम राज्य सरकारों का है। इस सिस्टम की घोषणा होने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या नया सिस्टम लागू होने के बाद FASTag सिस्टम बंद हो जाएगा? इसका जवाब केंद्रीय मंत्री ने संसद में ही दिया है। उन्होंने बता दिया है कि AI सिस्टम FASTag के साथ मिलकर काम करेगा। आपके FASTag अकाउंट से ही पैसा कटेगा। इसके अलावा स्टेट हाइवे पर भी टोल टैक्स मौजूदा FASTag सिस्टम से ही कटेगा।
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क्या फायदा होगा?
सरकार को उम्मीद है कि इस सिस्टम के लागू होने से टोल कलेक्शन में होने वाली गड़बड़ी खत्म हो जाएगी और सरकार की इनकम बढ़ेगी। नितिन गडकरी ने संसद में बताया कि इस सिस्टम के लागू होने से सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी। इसके साथ ही टोल लीकेज खत्म होगी, जिससे सराकर को करीब 6,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि FASTag सिस्टम लागू होने से सरकार की इनकम 5,000 करोड़ रुपये बढ़ गई है। सरकार के साथ-साथ आम लोगों को भी इस सिस्टम से काफी फायदा होगा। टोल प्लाजा पर रुकने की अब जरूरत नहीं होगी, आप 80 किलोमीटर की स्पीड से टोल गेट पार कर पाएंगे। इससे आपके टाइम के साथ-साथ तेल भी बचेगा।