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गडकरी बोले- 'राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर है'

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि राजनीति में कोई संतुष्ट नहीं है, सुखी जीवन जीने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की जरूरत है।

Nitin Gadkari : PTI

नितिन गडकरी । पीटीआई

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रविवार को नागपुर में एक पुस्तक का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर है। उन्होंने कहा, 'जीवन समझौतों, मजबूरियों, बाधाओं और विरोधाभास का एक खेल है।

 

भले ही कोई पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या कॉर्पोरेट जीवन में हो, लेकिन जीवन चुनौतियों और समस्याओं से भरा है। इनका सामना करने के लिए 'आर्ट ऑफ लिविंग' की जरूरत है। यह बात उन्होंने पुस्तक '50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ' के विमोचन के दौरान नागपुर में कही।

 

हर कोई परेशान है

उन्होंने कहा कि जो पार्षद बनता है वह इसलिए परेशान होता है कि वह विधायक नहीं बना, जो विधायक बनता है वह इसलिए परेशान होता है कि उसे मंत्री का पद नहीं मिला, जो मंत्री बन जाता है वह इसलिए दुखी हो जता है कि उसे अपेक्षित विभाग नहीं मिला और मुख्यमंत्री नहीं बन सका और मुख्यमंत्री इस चिंता में है कि पता नहीं कब हाई कमान बोल देगा कि आप पद छोड़ दो।

 

आगे वे बोले कि जिंदगी आपके सामने हमेशा चुनौतियां पेश करती है लेकिन उनका मुकाबला करना और आगे बढ़ना ही आर्ट ऑफ लिविंग है।

 

निक्सन का दिया उदाहरण

उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की ऑटोबायोग्राफी से एक वाक्य को भी बोला,  'किसी व्यक्ति का अंत तब नहीं होता जब वह हार जाता है बल्कि उसका अंत तब होता है जब वह हार मानकर कोशिश करना छोड़ देता है।'

 

उन्होंने सुखी जीवन के लिए अच्छे मानव मूल्यों और 'संस्कारों' पर जोर दिया।

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