केरल के कोल्लम जिले में पार्थसारथी मंदिर में ओणम उत्सव के दौरान बनाए गए 'पुक्कलम' को लेकर हंगामा बरपा है। पुक्कलम का मतलब, फूलों की रंगोली होता है। मंदिर समिति ने 27 राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। मंदिर समिति का कहना है कि संघ कार्यकर्ताओं ने एक पुक्कलम बनाया, जिसमें आरएसएस का झंडा और 'ऑपरेशन सिंदूर' लिखा था।
RSS कार्यकर्ताओं ने यह पुक्कलम मंदिर समिति के ठीक बगल में बनाया था। मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने मंदिर परिसर के पास झंडे या सजावटी सामान लगाने पर रोक लगाई थी। इस मंदिर में पहले भी झंडों को लेकर झड़पें हो चुकी थीं।
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RSS कार्यकर्ताओं पर किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस?
मंदिर समिति के सदस्य अशोकन सी ने संघ कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 223, 192 और 3 (5) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि मंदिर से 50 मीटर दूर छत्रपति शिवाजी का एक फ्लेक्स बोर्ड भी लगाया गया था। मंदिर प्रशासन का तर्क था कि यह दंगा भड़काने के लिए किया गया है। पुलिस का कहना है कि इन गतिविधियों का मकसद राजनीतिक समूहों के बीच तनाव पैदा करना था।
- धारा 223: सार्वजनिक आदेश की अवहेलना
- धारा 192: दंगा भड़काने की मंशा
- धारा 3 (5): कॉमन इंटेंशन या सामूहिक अपराध
शिकायत में क्या कहा गया है?
केरल पुलिस ने अपनी शिकायत में यह भी कहा गया कि मंदिर से 50 मीटर दूर छत्रपति शिवाजी का फ्लेक्स बोर्ड लगाया गया था। बोर्ड का मकसद राजनीतिक समूहों के बीच दंगा भड़काना था। मंदिर समिति के एक पदाधिकारी ने PTI से बातचीत में कहा, 'हम ऑपरेशन सिंदूर का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया। उनका पुक्कलम हमारे पुक्कलम के बगल में बनाया गया, जिससे तनाव बढ़ सकता था। इसलिए, हमने पुलिस में शिकायत दर्ज की।'
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BJP क्या कह रही है?
बीजेपी ने इस पुलिस कार्रवाई की तीखी आलोचना की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने इसे शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केरल में जमात-ए-इस्लामी या पाकिस्तान का शासन है।
राजीव चंद्रशेखर, केरल बीजेपी, प्रदेश अध्यक्ष:-
यह केरल है, भारत का गौरवशाली हिस्सा। फिर भी ऑपरेशन सिंदूर लिखे पुक्कलम के लिए FIR दर्ज की गई। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। ऑपरेशन सिंदूर सैनिकों की वीरता और बलिदान का प्रतीक है। इस पर कार्रवाई सैनिकों का अपमान है। अगर FIR वापस नहीं ली गई तो बीजेपी अदालत का रुख करेगी।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने लिखा, 'केरल के कोल्लम में पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर लिखे पुक्कलम को हटवाया। यह पाकिस्तान नहीं, वामपंथी शासन वाला केरल है। यहां देशभक्ति के संदेश वाले फूल भी खतरा माने जाते हैं। यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। वामपंथी सरकार, अभिव्यक्ति की आजादी के दोहरे मापदंडों पर काम करती है।'
मंदिर समिति का क्या कहना है?
मंदिर समिति ने कहा कि वे ऑपरेशन सिंदूर का सम्मान करते हैं लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं का दावा गलत है। उनकी इस पहल से तनाव पैदा हो सकता है। यह हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और इससे तनाव बढ़ सकता है।